तरक्की के दावों के बीच भुखमरी की हकीकत, कब बदलेंगे हालात ?

India is ranked 100th in the Global Hunger Index : IFPR Report
तरक्की के दावों के बीच भुखमरी की हकीकत, कब बदलेंगे हालात ?
तरक्की के दावों के बीच भुखमरी की हकीकत, कब बदलेंगे हालात ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक तरफ देश आगे बढ़ने के और विकास के सपने देख रहा है, तो दूसरी तरफ भुखमरी, कुपोषण जैसी समस्याएं आज भी हमारे विकास में अड़ंगा डाले खड़ी हुई हैं। हमें आजाद हुए 70 साल हो गए, लेकिन कुपोषण और भुखमरी की जंजीरें आज भी हमें जकड़े हुए है। भुखमरी और कुपोषण के मामले में भारत की स्थिति कितनी खराब होते जा रही है, इस बात का अंदाजा इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टिट्यूट (IFPRI) की ताजा रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। इस रिपोर्ट में भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) में तीन पायदान फिसलकर 100वें नंबर पर आ गया है। 119 देशों की इस लिस्ट में भारत की ये स्थिति विकास की पटरी पर दौड़ रहे भारत के दावों की एक अलग ही तस्वीर बता रही है।

बांग्लादेश से भी पिछड़ गए हम

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत पिछले साल तक 97वें नंबर पर था, लेकिन इस साल फिसलकर 100वें नंबर पर आ गया है। इस लिस्ट में भारत रोहिंग्या समस्या से जूझ रहे म्यांमार और पड़ोसी देश बांग्लादेश से भी पीछे है। यही नहीं नॉर्थ कोरिया और श्रीलंका भी इस लिस्ट में भारत से काफी आगे हैं। एशिया में सिर्फ अफगानिस्तान और पाकिस्तान ही भारत से पीछे हैं। इसमें चीन 29, नेपाल 72, म्यांमार 77, श्रीलंका 84 और बांग्लादेश 88वें पायदान पर है। जबकि पाकिस्तान इस सूची में 106वें और अफगानिस्तान 107वें पायदान पर हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2017 में भारत का स्कोर 31.4 है, जो कि ‘गंभीर श्रेणी’ में आता है।

राहुल ने ट्वीट कर साधा निशाना

भुखमरी की गिरफ्त में आए 119 देशों की लिस्ट में भारत के 100वें नंबर पर होने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया है। राहुल ने दुष्यंत कुमार की पंक्तियों के सहारे मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

 

आखिर क्या है इसका कारण? 

भुखमरी और कुपोषण का सबसे बड़ा कारण तो खाने की कमी है, लेकिन इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार और हमारा फेल होना भी इसका कारण है। भारत ने 2030 तक खुद को भूखमुक्त करने का सपना देखा है, लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए ये सपना अधूरा ही दिखाई पड़ता है। हमारे यहां भुखमरी और कुपोषण के पीछे ब़ड़ी समस्या तो ये है कि खाना तो है, लेकिन गरीबों तक पहुंच नहीं रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो उनका कहना है कि हमारे यहां सरकार ने अनाज सस्ता तो किया है, लेकिन वो अनाज गरीबों तक पहुंच नहीं पा रहा है। इसके साथ ही एक सर्वे के मुताबिक, हमारे यहां लगभग 20% अनाज स्टोरेज के अभाव में बेकार हो जाता है या फिर सड़ जाता है। ऐसे में गरीबों तक खाना नहीं पहुंच पाता और कल का भविष्य भुखमरी का शिकार हो जाते हैं। अगर हमने आज इसके लिए कोई कदम नहीं उठाए तो कल स्थिति और भी ज्यादा भयावह हो सकती है। 

Created On :   12 Oct 2017 6:20 PM GMT

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