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1 शहीद के बदले मारे 2 पाकिस्तानी सैनिक, बॉर्डर क्रॉस कर भारत ने लिया बदला
हाईलाइट
- सेना ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी।
- टैक्टिकल ऑपरेशन के तहत सेना ने बंकरों को निशाना बनाया।
- आतंकियों की घुसपैठ में पाकिस्तान कवर फायर दे रहा था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में सोमवार को शहीद हुए जवान की शहादत का बदला लेते हुए इंडियन आर्मी ने 2 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया है। कुपवाड़ा के तंगधार में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सोमवार शाम जवान पुष्पेंद्र शहीद हो गए थे। जवाब देते हुए सोमवार रात भारतीय सेना ने 2 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया। सेना ने मंगलवार को प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि पाकिस्तानी सेना के उन बंकरों को टैक्टिकल ऑपरेशन के तहत निशाना बनाया गया, जहां से सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा था। भारतीय सेना ने तंगधार सेक्टर में बॉर्डर (लाइन ऑफ कंट्रोल) क्रॉस कर पाकिस्तान के 2 सैनिकों को मार गिराया है। भारत ने ये कार्रवाई पाकिस्तान की तरफ से की गई घुसपैठ की कोशिश रोकने के लिए की है, जिसे पाकिस्तान कवर फायर दे रहा था।
Indian Army gunned down two Pakistani soldiers last night in a retaliatory action to unprovoked ceasefire violations and repeated attempts to facilitate infiltration by Pakistan Army in Tangdhar Sector: Defence PRO #JammuAndKashmir
— ANI (@ANI) August 14, 2018
भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की गोलीबारी जारी है। बता दें कि मुठभेड़ में सोमवार देर शाम मथुरा के रहने वाले जवान पुष्पेंद्र सिंह की मौत हो गई थी। मुठभेड़ के दौरान पुष्पेंद्र के सिर पर गोली लगी थी। नई सरकार बनने के बाद भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। साल 2018 में सीजफायर उल्लंघन में 29 भारतीय जवान अपनी जान गंवा चुके हैं। कुल 79 जवान शहीद हुए हैं।
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y. p. verma August 14th, 2018 20:30 IST
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।