चीनी सेना से झड़प के बाद एक्शन मोड में इंडियन एयरफोर्स, चीन बार्डर के पास स्थित चार एयरबेस पर इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की है तैयारी
- जून 2020 में हुए लद्दाख टकराव में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईस्टर्न फ्रंट को लेकर चीन के मंसूबे कभी भी सही नहीं रहे हैं। मई 2020 में चीनी सेना ने लद्दाख पर हमला किया था। वहीं बीते 9 दिसंबर को इसी सेक्टर में आने वाले अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भी चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच टकराव देखने को मिला। इस टकराव के बाद भारतीय थल सेना से लेकर वायु सेना तक सभी अलर्ट पर आ चुकी हैं। अगले 48 घंटों में वायु सेना चीनी बॉर्डर से लगे चार एयरबेस पर बड़ा सैन्याभ्यास करने वाली है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वायुसेना यह युद्धाभ्यास 15 और 16 दिसंबर को चीनी बॉर्डर से लगे चार एयरबेस तेजपुर, चाबुआ, जोरहट और हाशिमारा पर करेगी। इस युद्धाभ्यास में सेना लड़ाकू विमान, ड्रोन और हेलिकॉप्टर का परिक्षण करेगी। इस सेनाभ्यास को वायुसेना की पूर्वी कमांड करेगी।
भारतीय वायु सेना के इस युद्धाभ्यास को तवांग में हुए चीनी सेना से झड़प से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन वायुसेना ने अपने इस युद्धाभ्यास को लेकर कहा कि, यह एक रुटीन अभ्यास है और यह पहले से ही तय था। इसका झड़प से कोई भी लेना-देना नहीं है। इस युद्धाभ्यास का लक्ष्य पूर्वी सेक्टर में अपनी क्षमताओं और ऑपरेशन का परीक्षण करना है।
तवांग में हुई थी दोनों सेना की टक्कर
तवांग में हुए इस टकराव के बाद सोमवार को भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए बताया था कि तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास 9 दिसंबर को भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच टकराव हुआ। इस टकराव में दोनों देशों के कई सैनिक चोटिल भी हुए।
भारतीय सेना के इस बयान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने का प्रयास कर रही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को भारतीय सेना ने बड़ी ही बहादुरी से उन्हें अपने पोस्ट पर वापस जाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस टकराव में भारतीय सेना का कोई जवान शहीद नहीं हुआ और ना किसी सैनिक को गंभीर चोट लगी। वहीं भारतीय सेना से इस झड़प के बाद चीन ने कहा कि सीमा पर सब कुछ स्थिर है।
लद्दाख में भी हुआ था हिंसक टकराव
गौरतलब है कि, इससे पहले जून 2020 में भी भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में एक हिंसक टकराव हुआ था। इस टकराव में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। जबकि इस टकराव के 6 महीने बाद चीन ने यह माना था कि इस झड़प में उन्होंने अपने 4 जवानों को गंवाया था। जबकि एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार की रिपोर्ट के अनुसार गलवान घाटी की झड़प में चीन के 38 जवानों की जान गई थी।
Created On :   14 Dec 2022 1:21 PM IST