सोशल साइट्स की फेक न्यूज पर तय होगी जिम्मेदारी, नया कानून तैयार

Indian Government makes new law to curb Fake News
सोशल साइट्स की फेक न्यूज पर तय होगी जिम्मेदारी, नया कानून तैयार
सोशल साइट्स की फेक न्यूज पर तय होगी जिम्मेदारी, नया कानून तैयार
हाईलाइट
  • फेक न्यूज की वजह से कई जगहों पर मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं भी सामने आई है।
  • सरकार ने फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बना लिया है। इसे कैबिनेट में पास कराए जाने की तैयारी की जा रही है।
  • सोशल मीडिया का उपयोग कर फेक न्यूज के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों को लेकर सरकार चिंतित है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया का उपयोग कर फेक न्यूज के जरिए फैलाई जा रही अफवाहों को लेकर सरकार चिंतित है। फेक न्यूज की वजह से कई जगहों पर मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं भी सामने आई है। यही वजह है कि सरकार ने फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बना लिया है। इसे कैबिनेट में पास कराए जाने की तैयारी भी की जा रही है। इस कानून में फेसबुक, वॉट्सऐप जैसी सोशल मीडिया कंपनियों की जवाबदेही भी तय की जा सकती है। सरकार ने कानून में बदलाव लाने के लिए आईटी ऐक्ट 2000 के तहत धारा-79 में संशोधन का प्रस्ताव बनाया है।

आईटी एक्ट में किए जा रहे संशोधन के प्रस्ताव को पीएमओ ने मंजूरी दे दी है और अब इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा, जिसके बाद यह बदलाव प्रभावी हो जाएगा। अभी कंटेट के प्रसार का मीडियम बनने वाली इन सोशल मीडिया कंपनियों को इसके लिए सीधे जिम्मेदार नहीं माना गया है। सरकार के अनुसार इसके लिए इन कंपिनयों के जिम्मेदार बनाने के बाद वे इन बातों पर गंभीरता से लेंगे। साइबर क़ानून विशेषज्ञ और अधिवक्ता पवन दुग्गल ने कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि वर्तमान आईटी कानून सोशल मीडिया के बारे में बात ही नहीं करता। हालांकि, आईटी कानून में कुछ प्रावधान हैं जिन्हें हम सोशल मीडिया पर लागू कर सकते हैं जैसे ‘इंटरमीडियरी लायबिलिटी (बिचौलिया दायित्व)। लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में इनके तहत भी कारवाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा था इसके लिए एक अलग कानून होना चाहिए जो फेक न्यूज और झूठी अफवाहों को फैलने से रोक सके। ट्रोलिंग को रेगुलेट कर सके।

40 लोगों की लिंचिंग के बाद बनाई जीओएम
बता दें कि पिछले एक साल में नौ राज्यों में लगभग 40 लोगों के साथ लिंचिंग की घटना सामने आने के बाद ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) और सचिवों की समिति की स्थापना की गई थी। जुलाई में, गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद लिंचिंग की घटनाओं की जांच के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी। केंद्र ने उनसे प्रत्येक जिले में पुलिस अधीक्षक के स्तर का एक अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा था। इसके बाद अफवाहों पर रोक लगाने के लिए आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सऐप के सीईओ से मुलाकात की थी। सरकार ने वॉट्सऐप से ऐसा समाधान विकसित करने को कहा था जिससे फर्जी या झूठी सूचनाओं के स्रोत का पता लगाया जा सके। लेकिन वॉट्सऐप ने अपने प्लेटफार्म पर संदेश के मूल स्रोत का पता लगाने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने से इनकार कर दिया था। 

Created On :   2 Oct 2018 9:48 PM IST

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