कोलंबिया से जुड़े कोकीन ट्रेल का पता लगा रहे भारतीय अधिकारी
नई दिल्ली, 12 जून (आईएएनएस)। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो(एनसीबी) ने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस(आरसीएमपी) के साथ अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के खुफिया इनपुट के जरिए कोलंबियन ड्रग किंगपिन से जुड़े भारतीय तस्कर गिरोह का पता लगा रही है।
एनसीबी के निदेशक राकेश अस्थाना ने कहा, कनाडा में भारतीय प्रवासियों द्वारा चलाए जाने वाले अपराध गिरोह वास्तव में विदेशी ड्रग किंगपिन और भारतीय तस्करों की बीच की कड़ी है। भारत में हाल ही में 20 किलोग्राम के कोकिन जब्त किए गए थे। एनसीबी इस बाबत पंजाब और अन्य राज्यों में बड़े खिलाड़ियों की तलाशी के लिए मिले महत्वपूर्ण लीड पर कर रही है और हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही उन्हें बेनकाब करने में सफल होंगे।
कोलंबिया और मैक्सिको ड्रग तस्करों से कई भारतीय-कनाडाई संगठित अपराध समूह जुड़े हुए हैं, जो कि ब्रिटिश कोलंबिया में सक्रिय हैं और भारत समेत एशिया में अपने ड्रग्स को भेज रहे हैं। इनमें से अधिकतर गैंग्सटर भारतीय मूल के हैं जो पंजाब से आते हैं।
आस्ट्रेलियाई फेडरल पुलिस से मिली एक खुफिया जानकारी के अनुसार, एनसीबी के शीर्ष अधिकारी ने बीते वर्ष दिसंबर में भारत के सबसे बड़े ड्रग कारटेल का भंडाफोड़ किया था,जोकि कनाडा और कालंबिया के ड्रग माफियाओं से जुड़ा हुआ था।
अस्थाना पहले सीबीआई में थे और उन्होंने कई करोड़ रुपये के चारा घोटाले समेत कई महत्वपूर्ण मामलों का भंडाफोड़ किया है।
उन्होंने कहा, हमने एएफपी के इनपुट पर काम किया और पता चला कि कनाडा के जरिए कोकीन की बड़ी खेप आस्ट्रेलिया पहुंची। कई देशों से जुड़े इस रैकेट के तार भारत से जुड़े हुए थे। अबतक इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।
बीते वर्ष दक्षिण दिल्ली से इंडोनेशिया की स्मगलर मोनिका रेनकोट को गिरफ्तार किया गया था, एनसीबी को उससे पूछताछ के दौरान बड़ी लीड मिली है।
रेनकोट अक्षिंदर सिंह सोढ़ी के साथ काम करती थी, जो कि मामले में मुख्य संपर्ककर्ता है। एनीबी के अनुसार, दोनों कनाडा से चलने वाले बड़े ड्रग्स सिंडिकेट के लिए काम करते थे। खेप को भारत, आस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भेजा गया था।
अस्थाना ने कहा, मैं ज्यादा सूचनाएं साझा नहीं कर सकता, क्योंकि यह महत्वपूर्ण जांच है। लेकिन मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि एनसीबी भारत में इस मामले का भांडाफोड़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अस्थाना ने कहा, यह महंगा ड्र्रग्स है और इसलिए इसे उच्च वर्ग के लोग प्रयोग करते हैं। इसलिए जब हमने पंजाब, दिल्ली और उत्तराखंड में तस्कर माफियाओं को धर दबोचने की कोशिश की तो हमने मुंबई, बेंगलुरू, दिल्ली और गोवा जैसे मेट्रो शहरों पर नजर रखी, जोकि भारत में बड़े वितरण केंद्र हैं।
Created On :   13 Jun 2020 12:00 AM IST