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- Is the CM Yogi Adityanath trapped in the Noidas ominous shadow?
दैनिक भास्कर हिंदी: क्या नोएडा की मनहूसियत के फेर में फंस गए हैं सीएम योगी?

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। नोएडा के बारे में अंधविश्वास है कि जो मुख्यमंत्री वहां जाता है, उसे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ती है। पिछले साल दिसंबर में योगी आदित्यनाथ ने नोएडा की यात्रा कर इस अंधविश्वास को तोड़ने की बहादुरी दिखाई थी। इसके बाद यूपी में 3 लोकसभा और 1 विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए। इसे संयोग कहिए या नोएडा यात्रा का असर कि इन चुनाव में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी को पराजय का सामना करना पड़ा।
क्या योगी को महंगी पड़ने वाली है बहादुरी
साल 2014 के बाद हुए ज्यादातर उप-चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। इस दौरान 27 लोकसभा सीटों पर हुए उप-चुनाव में 24 पर बीजेपी सीधे तौर पर लड़ी, लेकिन सिर्फ 5 सीटें ही जीत पाई। बाकी सीटें उसने विपक्ष के हाथों गंवा दी। यही नहीं, इस दौरान बीजेपी के वोट शेयर में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस साल यूपी की 3 लोकसभा सीटों और 1 विधानसभा सीट पर भाजपा को बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा। जिसके बाद योगी आदित्यनाथ की ओर उंगलियां उठने लगी हैं।
लगातार आ रहे निराशाजनक नतीजों के बाद चर्चा की जा रही है कि क्या नोएडा का 'मनहूस' साया यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के पीछे लग गया है?
नोएडा पर अंधविश्वास का मनहूस साया
नोएडा के बारे में अंधविश्वास है कि जो मुख्यमंत्री वहां जाता है, उसकी कुर्सी चली जाती है। नोएडा के 'मनहूस साये' वाले अंधविश्वास की शुरुआत सन 1980 के दशक में उस समय हुई थी, जब 1988 में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने नोएडा की यात्रा की। इवहां से लौटने के तुरंत बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था। इसके बाद से यूपी के मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा जाने से बचने लगे।
तिवारी, कल्याण और मुलायम ने भी गंवाई थी कुर्सी
सन 1989 में नारायण दत्त तिवारी और 1999 में कल्याण सिंह ने भी मुख्यमंत्री के रूप में नोएडा की यात्रा की और इसके बाद हुए नाटकीय घटनाक्रम की वजह से उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। इसके बाद तो यह अंधविश्वास गहरे विश्वास में बदल गया। वरिष्ठ भाजपा नेता और वर्तमान में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जब यूपी के मुख्यमंत्री थे, तो अपनी तमाम प्रगतिशालता के बाद भी उन्होंने कभी नोएडा का रुख नहीं किया। सन 1995 में सीएम मुलायम सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ, जब उन्होंने नोएडा की यात्रा की। इसके कुछ दिन बाद ही उनकी कुर्सी चली गई थी।
अखिलेश कभी नहीं गए, पर होना पड़ा सत्ता से बेदखल
सन 2011 में मेट्रो सर्विस के उद्घाटन के लिए मायावती नोएडा आईं थीं और 2012 में उन्हें समाजवादी पार्टी के हाथों सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। इसके बाद सीएम रहते अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जाने का कभी नाम भी नहीं लिया। उन्होंने अपने लखनऊ आवास से एनसीआर की बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके बाद भी उन्हें बीजेपी के हाथों पराजित होकर सत्ता से बेदखल होना पड़ा। इस वजह से बहुत सारे लोग इसे महज अंधविश्वास ही मानते हैं।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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