अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने के लिए ISRO ने किया Crew Escape System का परीक्षण
- इस प्रणाली का प्रयोग आपातकालीन स्थिति में किया जाएगा।
- इसरो ने एक कैप्सूल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- इसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे।
- कैप्सूल का प्रयोग अतंरिक्ष यात्री स्पेस में किसी दुर्घटना के वक्त अपनी सुरक्षा के लिए कर सकेंगे।
- यह परीक्षण श्रीहरिकोटा में किया गया।
डिजिटल डेस्क, श्रीहरिकोटा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने एक महत्वपूर्ण तकनीक का ईजाद किया है। ईसरो ने अपने चालक दल को बचाने के लिए तकनीकी परीक्षणों की एक श्रृंखला में पहला प्रदर्शन किया। एक बयान में इसरो ने कहा कि चालक दल को बचाने की प्रणाली एक महत्वपूर्ण तकनीक है। इस प्रणाली का प्रयोग आपातकालीन स्थिति में किया जाएगा। इसरो ने एक कैप्सूल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ ले जा सकेंगे। यह परीक्षण श्रीहरिकोटा में किया गया।
क्रू मॉडल का प्रयोग किया गया
बता दें कि इस कैप्सूल का प्रयोग अतंरिक्ष यात्री स्पेस में किसी दुर्घटना के वक्त अपनी सुरक्षा के लिए कर सकेंगे। परीक्षण के बारे में इसरो के चेयरमैन के. सीवान ने बताया कि "क्रू बेलआउट सिस्टम पर कैप्सूल परीक्षण का प्रयोग किया गया है। इस परीक्षण में हमें सफलता मिली है। इसके लिए किसी आदमी की जगह पर क्रू मॉडल का प्रयोग किया गया था। मॉडल कैप्सूल में अटैच किया गया था और इसे रॉकेट इंजन से जोड़ा गया। लॉन्च के कुछ देर बाद पैराशूट भेजा गया और कैप्सूल सुरक्षित तरीके से समुद्र में निर्धारित स्थान पर उतर गया।"
Successful Flight Testing of Crew Escape System - Technology Demonstratorhttps://t.co/phyy9jxR8X
— ISRO (@isro) July 5, 2018
फ्यूचर में एयरप्लेन मोड कैप्सूल भी लॉन्च करेंगे
के. सीवान ने बताया कि 259 सेकेंड के इस परीक्षण में सब कुछ सफलतापूर्वक और योजना के अनुसार हुआ। इस कैप्सूल का उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अगर कोई दुर्घटना होती है तो उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। भविष्य में एयरप्लेन मोड वाले अंतरिक्ष कैप्सूल लॉन्च करने की भी योजना है। परीक्षण उड़ान के दौरान लगभग 300 सेंसर ने विभिन्न मिशन प्रदर्शन मानकों को रिकॉर्ड किया। रिकवरी प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में मॉड्यूल को पुनर्प्राप्त करने के लिए तीन रिकवरी नौकाओं का उपयोग किया जा रहा है।
The Crew Escape System (CES) lifting off from the launch pad, during a test conducted by the Indian Space Research Organisation (ISRO), at Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota, Andhra Pradesh pic.twitter.com/4n2l2TjME2
— MIB India (@MIB_India) July 5, 2018
अंतरिक्ष में मानव मिशन
मानव सहित स्पेस प्रोग्राम को लेकर के. सीवान ने कहा, "अगर हम अपने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजते हैं तो उन्हें सुरक्षित भेजने और सुरक्षित वापस धरती पर लाना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए यात्रियों के साथ लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी देना होगा। ऑक्सीजन की आपूर्ति, दबाब का नियंत्रित होना और मानवीय वेस्ट को डिस्चार्ज करने की व्यवस्था की गई है।
Created On :   5 July 2018 5:02 PM IST