जनवरी-2019 में लॉन्च होगा चंद्रयान-2, ISRO की घोषणा
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने अगले मिशन चंद्रयान-2 के लॉन्च की घोषणा कर दी है।
- तकनीकी दिक्कते आ जाने के कारण चंद्रयान के डिजाइन में बदलाव किया गया है
- जिस वजह से मिशन में देरी हुई है।
- ये मिशन 3 जनवरी से 16 फरवरी 2019 के बीच लॉन्च किया जाएगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने अगले मिशन चंद्रयान-2 के लॉन्च की घोषणा कर दी है। ये मिशन 3 जनवरी से 16 फरवरी 2019 के बीच लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च होने के करीब चालीस दिन बाद ये चंद्रमा पर लैंड करेगा। भारत अगर इस मिशन में सफल हो जाता है तो वह पहला देश होगा जिसने अपने रोवर को चंद्रमा के साउथ पोल के नजदीक उतारा हो। GSLV-MK-III रॉकेट के जरिए चंद्रयान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। बता दें कि इसी साल चंद्रयान-2 मिशन को लॉन्च किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी दिक्कते आज जाने के कारण चंद्रयान के डिजाइन में बदलाव किया गया है। इसी वजह से मिशन में देरी हुई है। ISRO के चेयरमैन के सिवान ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।
साउथ पोल के नजदीक जाने वाले दुनिया का पहला मिशन
ISRO चेयरमैन ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन को लेकर हमने देश भर के एक्सपर्ट्स का रिव्यू लिया है। उन्होंने हमारे प्रयासों की सराहना की है और कहा कि ISRO के अब तक के प्रोजेक्ट्स में यह सबसे अहम है और जटिल है। के सिवान ने बताया कि चंद्रयान-2 के वजन को बढ़ाकर 3.8 टन किया गया है जिसे GSLV के जरिए लॉन्च नहीं किया जा सकता था। इसलिए GSLV-MK-III को तैयार किया गया है जिसके जिरए चंद्रयान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह दुनिया का पहला ऐसा मिशन है, जो साउथ पोल के नजदीक जाएगा।
Mass of Chandrayan 2 has increased to 3.8 ton which can"t be launched by GSLV.We have redefined launch vehicle to GSLV-Mk-III.Window for launch is 03Jan-16Feb. It would be the first mission in world going near South Pole,i.e. 72 degree South is landing site: ISRO Chairman K Sivan pic.twitter.com/63Y8vkjVEl
— ANI (@ANI) August 28, 2018
गौरतलब है कि भारत के चंद्रयान-1 अभियान ने पहली बार चांद पर पानी की खोज की थी। चंद्रयान-2 इसी अभियान का विस्तार है। चंद्रयान-2 मिशन के जरिए भारत दक्षिण ध्रुव के करीब छह पहियों वाले रोवर को उतारेगा, ताकि चांद की सतह से जुड़ी जानकारियां हासिल की जा सकें। मिशन के दौरान चंद्रमा की सतह में मौजूद तत्त्वों का अध्ययन करके यह पता लगाया जाएगा के उसके चट्टान और मिट्टी किन तत्त्वों से बनी हैं। साथ ही वहां मौजूद खाइ और चोटियों की संरचना का पता लगाया जायेगा। चंद्रमा की सतह पर प्लाज्मा घनत्व और उसमें होने वाले परिवर्तन, ध्रुवों के पास की तापीय गुणों, चंद्रमा के आयनोस्फेयर में इलेक्ट्रॉनों की मात्रा सहित अन्य चीजों का अध्ययन भी किया जाएगा।
Created On :   28 Aug 2018 5:41 PM IST