जयललिता की अधूरी दास्तां : सब मिला लेकिन इश्क मुकम्मल न हो सका

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जयललिता की अधूरी दास्तां : सब मिला लेकिन इश्क मुकम्मल न हो सका
जयललिता की अधूरी दास्तां : सब मिला लेकिन इश्क मुकम्मल न हो सका

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। आज ही के दिन ठीक 1 साल पहले तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता (अम्मा) का देहांत हुआ था। 5 दिसंबर 2016 की रात 11.30 बजे उन्होंने अंतिम सांसे ली थीं। उस रात को चेन्नई के अपोलो अस्पताल से जैसे ही यह खबर बाहर आई कि अम्मा नहीं रहीं, पूरे तमिलनाडु में शोक की लहर सी फैल गई। बड़ी संख्या में अम्मा के चाहने वाले अस्पताल के बाहर जमा हो गए। रात भर ये लोग रोते-बिलखते रहे। अगले दिन अंतिम संस्कार के दौरान चेन्नई की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ आया। हजारों की संख्या में लोग अम्मा की एक झलक पाने के लिए संघर्ष करते रहे। अगले कुछ दिनों तक तमिलनाडु थमा सा रहा।



जनता का ऐसा प्रेम कम ही राजनेताओं को नसीब होता है। जयललिता तमिलनाडु में महज एक राजनैतिक हस्ती नहीं थी, वे तो वहां की जनता के दिल में बसती थी। तमिलनाडु की जनता उन्हें देवी के रूप में पूजती थी। बहरहाल, आज (मंगलवार) अम्मा की पहली बरसी है। लोगों ने उन्हें एक राजनेता के रूप में बहुत देखा, सुना और पढ़ा है। एक अदाकारा से लेकर उनके राजनीतिक ऊंचाइयां छुने तक के सफर से भी लोग वाकिफ रहे हैं, लेकिन शायद ही लोग यह जानते हो कि एक अदाकार से लेकर राजनीति के शिखर तक पहुंचने वाली जया को नाम, शौहरत, पैसा सब कुछ तो मिला, लेकिन कभी उनका इश्क मुकम्मल न हो सका। वे हमेशा एक सच्चे प्यार के लिए तरसती रहीं। इस बात का जिक्र वे कईं बार इंटरव्यू में भी कर चुकी थीं।

कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में जयललिता ने कहा था कि वे हमेशा से एक आम भारतीय लड़की की तरह शादी करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें कभी ऐसा व्यक्ति ही नहीं मिला जिसके साथ वे घर बसा सकें। जयललिता ने इस इंटरव्यू में यह कहा था कि उन्हें अपने जीवन में कभी भी बिना शर्त प्रेम नहीं मिला। तमिल फिल्म स्टार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एम जी रामचंद्रन और एक्टर शोभन बाबू से उनके प्रेम सम्बंधों की काफी चर्चा रही, लेकिन इन दोनों विवाहित सितारों ने कभी सार्वजनिक रूप से जयललिता को स्वीकारने की बात नहीं की।

एक-दूसरे के बेहद करीब थे जया और एमजीआर
जयललिता अन्नाद्रमुक के संस्थापक और तमिल फिल्म एक्टर एमजी रामचंद्रन उर्फ एमजीआर के बेहद करीब थीं। जयललिता ने एमजीआर के साथ 28 फिल्मों में काम किया। जया तो एमजीआर की दिवानी थी हीं, कहा जाता है कि एमजीआर को भी जया से काफी लगाव था। जयललिता एक बार खुद बता चुकी थी कि एक बार थार रेगिस्तान में शूटिंग के दौरान एमजीआर ने पीछे से आ कर उन्हें गोदी में उठा लिया था ताकि उनके पैर न जलें। एमजीआर तमिल सिनेमा के सुपरस्टार तो थे ही, साथ ही वे भारतीय राजनीति के सम्मानित नेता भी थे। उनके कहने पर जयललिता ने फिल्मी दुनिया को अलविदा कह कर राजनीति में एंट्री ले ली।



एमजीआर शादी शुदा थे। उनके घर वाले जयललिता से नफरत करते थे। जब एमजीआर का देहांत हो गया तो उनके परिवार वालों ने जयललिता को उनके घर तक में नहीं घुसने दिया। वे रोते बिलखते घर के आसपास दौड़तीं रही। जब उन्हें पता चला कि एमजीआर के पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल ले जाया गया है तो वे वहां पहुंच गईं। बताते हैं कि जयललिता की आँखों से उस दिन एक आँसू नहीं निकला। वो दो दिनों तक एमजीआर के पार्थिव शरीर के सिरहाने खड़ी रहीं।

शोभन बाबू से शादी!


जयललिता के कुछ दोस्तों के हवाले से एक बॉयोग्राफी में लिखा गया है कि जब जयललिता और एमजीआर के बीच कुछ समय के लिए दूरियां आयी, तब जयललिता तमिल एक्टर शोभन बाबू के संपर्क में आयी थीं और उनके बीच प्रेम सम्बंध बने थे। किताब में यह भी कहा गया है कि जया ने शोभन बाबू से शादी भी की थी। शोभन बाबू के साथ जया के प्रेम सम्बंधों की पहले भी चर्चा रही है, लेकिन उन्होंने शोभन बाबू से शादी की होगी, इसे लोग नकारते रहे हैं।

एक नजर में जया के जीवन का सफर

  • जयललिता का जन्म 24 फ़रवरी 1948 को एक "अय्यर ब्राम्हण" परिवार में, मैसूर के मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में हुआ था। 
  • महज 2 साल की उम्र में ही उनके पिता जयराम का निधन हो गया था। पिता की मौत के बाद उनकी मां उन्हें लेकर बेंगलौर ले आयीं। 
  • उनकी मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया, जिसके चलते जयललिता को अपनी मां का प्यार भी कम ही नसीब हुआ।
  • उनकी प्रारंभिक शिक्षा पहले बेंगलौर और बाद में चेन्नई में हुई। वे अपने स्कूल की टॉपर रहीं।
  • जया ने 1961 में 13 साल की उम्र में पहली बार अंग्रेजी फिल्म "एपीसल" में एक बाल कलाकार के तौर पर फिल्मी पर्दे पर कदम रखा।
  • जया 15 वर्ष की उम्र में कन्नड़ फिल्मों में मुख्‍य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगी थीं। इसके बाद वे तमिल फिल्मों में काम करने लगीं।
  • वे दक्षिण भारत की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने स्कर्ट पहनकर फिल्मों में भूमिका निभाई थी।
  • जयललिता ने 1965 में एमजी रामचंद्रन के साथ तमिल फिल्म "वेनिरा आदाई" में बतौर अभिनेत्री काम किया।
  • जया की अंतिम फिल्म 1980  की "थेड़ी वंधा कादला" थी।
  • एम जी रामचंद्रन के नेतृत्व में पहली बार 1982 में जया ने राजनीति में कदम रखा और अन्नाद्रमुक की सदस्यता ग्रहण की।
  • 1984 में जया को पार्टी के कई पदों से हटा दिया गया।
  • 1987 में एमजीआर की मौत के बाद अन्नाद्रमुक दो टुकड़ों में बंट गई। एक गुट एमजीआर की पत्नी जानकी रामचंद्रन और दूसरा गुट जयललिता का था।
  • मार्च 25 1989 को विधानसभा कार्यवाही के दौरान जब जयललिता सदन से बाहर निकल रही थीं, तो डीएमके मंत्री दुरई ने जयललिता के कपड़े खींचने तक की कोशिश की। यह जयललिता के लिए एक सदमे की तरह था। इस घटना के बाद उन्होंने सौगंध खायी कि वे अब सदन में मुख्यमंत्री के रूप में ही प्रवेश करेंगी।
  • साल 1991 में पहली बार जयललिता मुख्यमंत्री बनीं। कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर जयललिता ने 234 सीट में से 225 सीटें जीतीं।
  • साल 1996 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बूरी तरह हार का सामना करना पड़ा।
  • साल 2001 के विधानसभा चुनाव में जयललिता की पार्टी ने जबर्दस्त जीत हासिल की। हालांकि जीत के बाद जयललिता अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मुख्यमंत्री नहीं बन सकीं।
  • साल 2003 में मंद्रास हाईकोर्ट ने उन्हें कुछ मामलों में राहत दी। इसके बाद उन्होंने विधायक का चुनाव लड़कर फिर सीएम पद सम्भाला।
  • साल 2006 के विधानसभा चुनाव में डीएमके गंठबंधन ने उन्हें मात दे दी। 2011 तक उन्होंने विपक्षी नेता के तौर पर काम किया।
  • साल 2011 में जयललिता तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। एआईडीएमके महागंठबंधन ने 203 सीटों पर कब्जा करके शानदार जीत हासिल की। डीएमके गंठबंधन को सिर्फ 31 सीटें मिली।
  • साल 2014 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को पांच साल की सजा और 100 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया। एक महीने जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिल गयी। उन्हें कुछ दिन के लिए सीएम पद गंवाना पड़ा। निर्दोष साबित होने के बाद 22 मई 2015 को फिर से मुख्यमंत्री बन गईं।
  • साल 2016 में फिर AIADMK ने राज्य में सरकार बनाई और एक बार फिर जयललिता तमिलनाडु की सीएम बनीं।
  • 22 सितंबर 2016 जयललिता की तबीयत अचानक खराब हो गयी जिसके बाद उन्हें चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में भरती कराया गया। अचानक दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका 5 दिसंबर 2016 को निधन हो गया।

Created On :   4 Dec 2017 7:20 PM GMT

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