न्यू सदर्न नीति पर जामिया और दक्षिण कोरिया का अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार
- न्यू सदर्न नीति पर जामिया और दक्षिण कोरिया का अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार
नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। जामिया मिलिया इस्लामिया, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (सीयूजे) और रिसर्च एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ कोरिया (आरएएसके) ने संयुक्त रूप से भारत की एक्ट ईस्ट नीति और दक्षिण कोरिया की न्यू सदर्न नीति की चुनौतियों और संभावनाओं पर 6 और 7 नवंबर को दो दिवसीय संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया।
इस मौके पर जामिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने कहा, भारत और कोरिया इतिहास की शुरूआत से ही एक-दूसरे को जानते हैं। दोनों देशों के अनेक विद्वानों ने अपने अध्ययनों, पर्यटन और आदान-प्रदान के जरिए इन दो एशियाई देशों की आपसी साझा विरासत को समृद्ध किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के साथ, दोनों देशों ने कई ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है, जिसमें दोनों ने आपसी सहयोग के भविष्य को और बढ़ाया।
जामिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर, कोरिया अध्ययन अनुसंधान संघ के अध्यक्ष, प्रोफेसर किम डो यंग, आरएएसके के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में शामिल हुए।
कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा, जामिया, दक्षिण कोरिया के कई संस्थानों से अपने संबंधों को और गहरा करते हुए उसे नए स्तर पर ले जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह वेबिनार सरकार की कूटनीति के अनुरूप, भारत-कोरिया संबंधों को मजबूती देने में मददगार होगा।
वेबिनार के दौरान, भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत का वीडियो-संदेश दिखाया गया। कोरिया गणराज्य में भारत के पूर्व राजदूत स्कंद तायल ने भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और दक्षिण कोरिया की न्यू सदर्न पॉलिसी के बारे में चर्चा की।
सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रो. जो डोंग-जून ने भारत और चीन के बीच मौजूदा गतिरोध और वन बेल्ट वन रोड योजना के जरिए व्यापार मार्ग के लिए वैश्विक बुनियादी ढांचा विकसित करने की चीनी की महत्वकांक्षा से इस क्षेत्र में उभरती नई बहुपक्षीय डाईनैमिक्स पर अपने विचार रखे।
जामिया में कोरियाई अध्ययन कार्यक्रम के निदेशक, प्रो-डू-यंग किम ने भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में आरएएसके के उद्देश्यों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया।
जीसीबी/एएनएम
Created On :   7 Nov 2020 7:30 PM IST