- Dainik Bhaskar Hindi
- National
- JNU Violence: Did not allow the police to enter or enter the campus?
दैनिक भास्कर हिंदी: जेएनयू हिंसा : पुलिस को कैंपस में घुसने नहीं दिया या घुसी नहीं?

हाईलाइट
- जेएनयू हिंसा : पुलिस को कैंपस में घुसने नहीं दिया या घुसी नहीं?
नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार की हिंसा में अंदर के लोग शामिल थे, या बाहरी लोग? इस सवाल का जबाब दिल्ली पुलिस और उसकी अपराध शाखा तलाशने में जुटी है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि हिंसा से घंटों पहले जेएनयू के आसपास कथित तौर पर मौजूद रहीं दिल्ली पुलिस नियंत्रण कक्ष की तमाम जिप्सियां वक्त रहते कैंपस के अंदर पहुंच कर हालातों को काबू कर पाने में क्यों नाकाम रहीं? इस सवाल का जवाब कौन तलाशेगा?
जेएनयू के करीब रहने वाली रीना राय ने सोमवार को आईएएनएस से कहा, मैं बच्चों को ट्यूशन से लेकर घर लौट रही थी। उस वक्त विश्वविद्यालय की दीवारों और कुछ गेट के आसपास दिल्ली पुलिस की गाड़ियों की भीड़ खड़ी देखी। लगा कि कैंपस में फिर कुछ गड़बड़ हो गई होगी। तभी पुलिस वाले आए होंगे। शाम को टीवी पर देखा कि उस वक्त तक जब मैं बच्चों को लेकर लौट रही थी, हकीकत में जेएनयू में कुछ नहीं हुआ था। मारपीट तो शाम ढले और फिर देर रात तक हुई।
रीना जैसे और भी कई स्थानीय निवासियों से आईएएनएस ने बात की। अधिकांश का जबाब यही था कि पुलिस की जिप्सियां तो दोपहर बाद ही जेएनयू के आसपास चक्कर काट रही थीं। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि जब दोपहर बाद से ही दिल्ली पुलिस की जिप्सियों का जमघट लग गया था फिर कैंपस में नकाबपोश हमला करने में कामयाब कैसे हो गए?
क्या दिल्ली पुलिस को शाम के वक्त होने वाले खून-खराबे की खुफिया खबर रविवार सुबह या दोपहर के वक्त ही मिल चुकी थी? अगर जवाब हां है तो फिर पुलिस जेएनयू प्रशासन से मिलकर वक्त रहते कैंपस में हालात बिगड़ने से पहले ही क्यों नहीं पहुंच गई? दूसरा सवाल कि क्या दिल्ली पुलिस की जिप्सियां और उनमें मौजूद पुलिसकर्मी तथा सरकारी बंगलों में रविवार की छुट्टी का आनंद ले रहे आला पुलिस अफसरान जेएनयू प्रशासन के कागजी इजाजत का इंतजार कर रहे थे? ताकि बवाल बढ़ने की स्थिति में जिम्मेदारी का घड़ा दिल्ली पुलिस के सिर न फोड़ा जाए। मतलब हालात बिगड़ने के बाद जब विवि प्रशासन को लगा कि अब पुलिस बुला लेनी चाहिए, तब उसने पुलिस को अधिकृत रूप से कैंपस में आने की इजाजत दे दी।
दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त स्तर के एक अफसर ने सोमवार को आईएएनएस से कहा, दरअसल कमी पुलिस की तरफ से नहीं थी। पुलिस जेएनयू को लेकर एक महीने से ही हर वक्त अलर्ट मोड पर है। हां, इतना जरूर है कि देश की किसी भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पुलिस बिना विवि प्रशासन के बुलाए या फिर बिना उसकी अनुमति के प्रवेश नहीं ले सकती है। यही रविवार की शाम भी हुआ। एहतियातन पुलिस कंट्रोल रूम की जिप्सियां तो जेएनयू के आसपास हर दिन की तरह रविवार को खड़ी रही होंगी। जब तक विवि प्रशासन ने पुलिस को अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी होगी, पुलिस ने प्रवेश नहीं किया होगा।
इसी पुलिस अफसर के अनुसार, जब विवि प्रशासन ने पुलिस अंदर बुलाई तब तक छात्र उग्र हो चुके थे। पुलिस ने जब जब नाराज स्टूडेंट्स को समझाने-बुझाने की कोशिशें की, वे पुलिस से ही उलझ गए। एक तरफ छात्र पुलिस से उलझ रहे थे। दूसरी ओर दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम को जेएनयू कैंपस से मदद की लगातार कॉल्स आए जा रही थी। बताइए ऐसे में पुलिस क्या करती? रविवार की घटना में कहीं भी पुलिस को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। जैसे और जब जेएनयू प्रशासन ने पुलिस से सहयोग चाहा, हम तुरंत तत्परता से उसके साथ खड़े हो गए।
अगर पुलिस पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद थी तो फिर नकाबपोश हथियारबंद लोगों को कैंपस में पहुंचकर हॉस्टल्स में विद्यार्थियों को लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से पीटने का मौके कैसे मिल गया? अधिकारी ने कहा, नहीं ऐसा नहीं है। नकाबपोश अंदर के थे या बाहर के, अभी इस सवाल का जवाब नहीं मिला है। जांच जारी है। जांच के बाद ही कुछ ठोस निकल कर सामने आएगा।
अगर पुलिस के किसी आला अफसर का यह बयान है तो ऐसे में सवालों के घेरे में विवि प्रशासन का आ जाना लाजिमी है।
रविवार की घटना में क्या कहीं विवि प्रशासन से कोई चूक हुई? विवि प्रशासन ने इस बारे में मीडिया को बताया, बे-वजह कैंपस के अंदर पुलिस को बुलाने से बच्चे (विद्यार्थी) भड़क सकते थे। इसलिए यह कहना गलत है कि पुलिस नहीं बुलाई। पुलिस बुलाई गई, लेकिन तभी बुलाई गई जब लगा कि बात बढ़ती ही जा रही है।
क्लोजिंग बेल: सेंसेक्स में 138 अंक की गिरावट, निफ्टी 16,200 के करीब बंद हुआ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आज (18 मई 2022, बुधवार) दलाल स्ट्रीट में तेजड़िये एवं मंदड़ियों के मध्य प्रभुत्व का भीषण संघर्ष देखने को मिला तथा इसके बीच देश का शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों हरे निशान पर रहे। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 138 अंकों यानी कि 0.20 % की हानि के साथ 54208.53 पर बंद हुआ।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी ने 19 अंक गिरावट के साथ 16240.30 के स्तर पर समाप्ति दी।
प्रारंभिक बढ़त गवां बैंक निफ्टी भी 138 अंक टूट 34163.70 पर बंद हुआ। बीएसई मिड कैप एवं स्माल कैप आधे प्रतिशत की आरंभिक बढ़त के पश्चात सतही बंद हुए। क्षेत्र विशेष में निफ्टी फार्मा एवं एफएमसीजी दोनों ने तेजी में क्रमशः एक एक प्रतिशत का योगदान दिया। निफ्टी रियलिटी, निफ्टी पीएसई में क्रमशः 1.75% तथा 1.73 ℅ की हानि रही।
निफ्टी के शेयरों में प्रमुख बढ़त टाटा कन्ज़्यूमर, सिप्ला एवं अडानी पोर्ट में देखी गयी। पावर ग्रिड,बीपीसीएल एवं टेक महिंद्रा में प्रमुख गिरावट रही। दैनिक चार्ट में निफ्टी बियरिश कैंडल बना बंद हुआ।हालांकि पूरे दिन के दौरान निफ्टी 16200 के स्तर की रक्षा में सफल रहा।
कल साप्ताहिक कटान के दिन निफ्टी में तीव्र उतार चढ़ाव देखा जा सकता है। ट्रेन्ड के विरुद्ध ट्रेड करना लघु अवधि के ट्रेडर्स के लिए लाभकारी सिद्ध नहीं हो सकता है। वॉल्यूम अध्ययन के आधार पर 16100 तथा 16100 तात्कालिक सपोर्ट हो सकते हैं। दैनिक समयावधि आधार में एमएसीडी तथा आरएसआई अभी भी ओवेरसोल्ड क्षेत्र से निकलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
समय चक्र संभावना के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि निफ्टी 27 मई तक अत्याधिक उतार चढ़ाव देख सकता है। बोलिंगर बैंड आने वाले दिनों में निफ्टी के 16650 स्तर के एक शक्तिशाली बाधा होने का संकेत दे रहा है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 33400 एवं रेसिस्टेन्स 35000 है।
आपको बता दें कि, सुबह बाजार बढ़त के साथ खुला था। इस दौरान सेंसेक्स 230.63 अंक ऊपर 54549.10 के स्तर पर खुला था। वहीं निफ्टी 66.30 अंक ऊपर 16325.60 के स्तर पर खुला था।
ओम मेहरा
रिसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग (Choice Broking)
Source: Choice India
Resumod: आपका निजीकृत मुफ्त ऑनलाइन रिज्यूमे बिल्डर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक मुफ्त रिज्यूम-बिल्डिंग टूल, जो कि हर उम्मीदवार की जरूरत है, अब Resumod.co पर उपलब्ध है। Resumod एक फ्री ऑनलाइन रिज्यूमे बिल्डर प्रदान करता है जो लगातार नौकरी खोजने वालों के लिए रिज्यूमे बनाने के तरीके को बेहतर बनाता है। हमने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर निःशुल्क टूल लॉन्च किया है। नीचे विवरण है|
प्रमाणित रिज्यूम बिल्डर - अपॉइंटमेंट सुरक्षित करने की अधिक संभावना के लिए
आप आसान फ़ॉर्मेटिंग और वर्तनी-जांच जैसी उन्नत सुविधाओं से बायोडेटा बना सकते हैं। इस अनुकूलित ऑनलाइन रिज्यूमे बिल्डर का उपयोग करें जो एक अच्छा पहला प्रभाव बनाने पर केंद्रित है। हमारे टूल ने किसी को भी नौकरी-योग्य रिज्यूमे बनाने में मदद करने की क्षमता के लिए बहुत प्रशंसा हासिल की है जो आपको रोजगार दिलाएगा।
अब, आप बिना किसी अतिरिक्त सिरदर्द के उच्च गुणवत्ता वाला रिज्यूमे बना सकते हैं| हमारा ऑनलाइन बिल्डर आपको फ़ॉर्मेटिंग की परवाह किए बिना सर्वश्रेष्ठ रिज्यूमे बनाने की अनुमति देता है। अभी, प्रभावी कवर लेटर तक पहुंच प्राप्त करें और एक नए रेज़्यूमे के पूरक के लिए उनका उपयोग करें।हमारे फ्री रेज़्यूमे बिल्डर के साथ, आप सभी सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं। देश भर के नौकरी चाहने वालों ने कहा है कि फ्री रेज़्यूमे बिल्डर विभिन्न पदों के लिए रेज़्यूमे और कवर लेटर बनाना आसान बनाता है।
आपके पास एक लिंक्डइन प्रोफ़ाइल उपलब्ध हो सकती है, लेकिन आपके CV में सभी विवरणों का उल्लेख होना चाहिए| यह टूल आपको अपने लिंक्डइन प्रोफाइल से अपनी सारी जानकारी को तुरंत निकालने की अनुमति देता है, जिससे आपको इसे फिर से टाइप करने से बचाया जा सकता है। हमारे टूल से रिज्यूमे में कुछ परिवर्तन करें, और आपका रेज़्यूमे मिनटों में तैयार हो जाएगा!
हमारा रिज्यूम बिल्डर दूसरों से बेहतर कैसे है?
Resumod आपको ऐसे टूल देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है जो आपकी नौकरी की खोज को वास्तव में प्रतिस्पर्धी बना देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि हायरिंग प्रक्रिया के दौरान आपका CV चमकता रहे।
1. पेशेवर CV टेम्पलेट उपलब्ध हैं
Resumod आपको interview कॉल प्राप्त करने में आपकी सहायता के लिए रेज़्यूमॉड आपको कई रंग संयोजनों में दस सर्वश्रेष्ठ टेम्पलेट प्रदान करता है। बस अपनी जानकारी भरें और जादू होने की प्रतीक्षा करें!
2. विशेषज्ञों से सुझाव उपलब्ध है|
अपने रिज्यूमे को बेहतर बनाने के लिए, हमने 150,000 से अधिक बुलेट पॉइंट और 5000 से अधिक कौशल सुझाव प्रदान किए हैं।
3. लिंक्डइन प्रोफाइल को रिज्यूमे में बदलना
क्या होगा यदि आपके पास बायोडाटा नहीं है? चिंता मत करो। बस अपना लिंक्डइन डाउनलोड करें, पीडीएफ बनाएं और एक नया रिज्यूमे बनाने के लिए इसे हमारे बिल्डर को सबमिट करें। कुछ ही मिनटों में, आप हमारे ऑनलाइन रेज़्यूमे बिल्डर का उपयोग करके एक शानदार, आधुनिक CV बना सकते हैं।
4. टेम्प्लेट जिन्हें एचआर द्वारा अनुमोदित किया गया है
टेम्प्लेट दिखने में आकर्षक हैं और नए जमाने के मानव संसाधन पेशेवरों द्वारा अनुमोदित किए गए हैं। बस पीडीएफ को संपादित करें और इसे सेव करें।
5. बहु-प्रारूप डाउनलोड और वितरित करें
अपना रिज्यूमे पीडीएफ या एमएस वर्ड फॉर्मेट में डाउनलोड करें, या अपने रिज्यूमे का एक स्थायी लिंक प्राप्त करें जिसे आप साझा कर सकते हैं।
Resumod के विषय में
"Resumod" वेबसाइट पर 55,000 उपयोगकर्ता हैं।अब हमारे पास दस से अधिक आकर्षक शैलियाँ हैं, जो उपभोक्ताओं को नौकरी के बाजार में बढ़त देने के साथ-साथ उनके रिज्यूमे का निर्माण करने का एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।
हम 2022 तक प्रति दिन लगभग 100 पंजीकरण और प्रति दिन 300 से अधिक डाउनलोड तक पहुंच रहे हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, हम नौकरी चाहने वालों को सर्वश्रेष्ठ करियर बनाने में सहायता करने के लिए अतिरिक्त टूल प्रदान करने के लिए रिज्यूम के प्लेटफॉर्म में स्मार्ट सुविधाओं और प्रगति को भी शामिल कर रहे हैं।
Resumod न केवल नौकरी चाहने वालों को उनके रेज़्यूमे के साथ सहायता करता है बल्कि उन्हें अपने करियर के अगले स्तर पर भी ले जाता है। इसका उद्देश्य नौकरी चाहने वालों को उपयुक्त नौकरी खोजने में सहायता करना है।
Resumod रिज्यूमे मेकर का उपयोग करने के बारे में सबसे बड़ी बात यह है कि नौकरियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए टेम्पलेट हैं। आपके पास विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक रेज़्यूमे टेम्प्लेट तक पहुंच होगी। आधुनिक और पेशेवर टेम्पलेट आपकी प्राथमिकताओं के अनुरूप बनाए जा सकते हैं।
###
हमारा सर्वश्रेष्ठ नि:शुल्क ऑनलाइन रिज्यूमे बिल्डर विभिन्न प्रकार के टेम्प्लेट प्रदान करता है जिन्हें आपकी प्राथमिकताओं के अनुरूप बनाया जा सकता है।
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: JNU Violence: छात्रों पर हमला 26/11 अटैक की तरह- सीएम उद्धव, सोमैया बोले कसाब से तुलना शहीदों का अपमान
दैनिक भास्कर हिंदी: जेएनयू हिंसा पर गृह-मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट, क्राइम ब्रांच जांच में जुटी! (आईएएनएस विशेष)
दैनिक भास्कर हिंदी: विश्विविद्यालयों को राजनीति का अखाड़ा न बनाएं : चिराग
दैनिक भास्कर हिंदी: यह हमला जेएनयू की संस्कृति पर, उचित कार्रवाई होगी : कुलपति
दैनिक भास्कर हिंदी: बिहार : पुल निर्माण कंपनी के आधार शिविर पर हमला, वाहन फूंके