जज विवाद: सवाल उठाने वाले जस्टिस गोगोई बोले, न्यायपालिका में कोई संकट नहीं

Justice Ranjan Gogoi says there is no crisis in Judiciary
जज विवाद: सवाल उठाने वाले जस्टिस गोगोई बोले, न्यायपालिका में कोई संकट नहीं
जज विवाद: सवाल उठाने वाले जस्टिस गोगोई बोले, न्यायपालिका में कोई संकट नहीं

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चीफ जस्टिस के कामकाज को लेकर सवाल खड़े करने वाले सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों में एक जस्टिस रंजन गोगोई ने शनिवार को कोलकाता में कहा कि इस मामले में कोई संकट नहीं है। बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में सब कुछ सही नहीं चल रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।"


गौरतलब है कि जस्टिस गगोई शनिवार को कोलकाता में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश राज्य विधिक सेवा प्राधिकारियों के पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शामिल हुए थे। इस मौके पर पत्रकारों ने मामले को सुलझाने को लेकर जब उनसे सवाल किया तो जस्टिस ने कहा कि "कोई संकट नहीं है।" वहीं जब उनसे ये पूछा गया कि जजों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाना कितना ठीक है या यह अनुशासन का उल्लंघन नहीं है तो उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा कि उन्हें लखनऊ के लिए फ्लाइट पकड़नी है। इसलिए वे जवाब नहीं दे सकते।


चीफ जस्टिस पर मनमानी के लगाए थे आरोप

देश के इतिहास में पहली बार शुक्रवार ऐसा मौका आया था जब सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के फैसले पर सवाल खड़े किए थे। बता दें कि चीफ जस्टिस के कामकाज पर सवाल करने वाले जज दीपक मिश्रा वरीयता के मामले में दूसरे से पांचवे नंबर पर है। जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। इस दौरान जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।" उन्होंने बताया कि इस बात की शिकायत उन्होंने चीफ जस्टिस के सामने भी की, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी।
 

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केंद्र सरकार ने दखल देने से किया इनकार 

वहीं 4 जजों द्वारा चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाने को लेकर सरकार ने कहा था कि यह मामला न्याय पालिका का अंदरूनी मामला है। इसमें सरकार कोई दखल नहीं देगी और जल्द ही यह मामला निपटा लिया जाएगा। बता दें कि इस मामले के बाद से ही सुप्रीम कोर्ट में सुलह की कोशिश की जा रही है। इसी के चलते पीएम के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने चीफ जस्टिस से मुलाकात करने की कोशिश भी की थी। लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। 
 

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जो भी किया न्‍यायपालिका के हित में 

वहीं 4 जजों में एक जस्टिस कुरियन जोसेफ ने अपने निवास पर कुछ पत्रकारों से बाचतीत करते हुए कहा कि उनके इस कदम से न्यायपालिका के प्रशासन में सुधार आने के साथ-साथ पारदर्शिता भी आएगी। कुरियन ने कहा, "हम न्याय और न्यायपालिका के हित में खड़े हैं। हमारे द्वारा जनता के सामने कुछ चीजें सामने लाना जरुरी थी। एक मुद्दा सामने आया था, जिस पर बात करना जरुरी थी। अब निश्चितरूप से इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।"


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7 सदस्यीय कमिटी दूर करेगी मतभेद
शुक्रवार को जजों के बीच मतभेद सामने आने के बाद शनिवार शाम 5 बजे इस मामले पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने बैठक की। बैठक के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने बताया, "हमारा 7 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल रविवार को सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से इस मामले पर बात करेगा। हम उनसे आग्रह करेंगे कि मामले को शांतिपूर्ण तरीक से और जल्द से जल्द सुलझाएं।" उन्होंने कहा, "न्यायपालिका पर लोगों का अटूट विश्वास है, हमारी कोशिश है कि लोगों का यह विश्वास टूटने न पाए।"


Created On :   13 Jan 2018 5:11 PM GMT

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