पिटाई के आरोपी ने पुलिस से कहा, नैतिक पुलिसिंग पब्लिसिटी स्टंट है

Karnataka: Man accused of beating told police, moral policing is a publicity stunt
पिटाई के आरोपी ने पुलिस से कहा, नैतिक पुलिसिंग पब्लिसिटी स्टंट है
कर्नाटक पिटाई के आरोपी ने पुलिस से कहा, नैतिक पुलिसिंग पब्लिसिटी स्टंट है
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  • कर्नाटक : पिटाई के आरोपी ने पुलिस से कहा
  • नैतिक पुलिसिंग पब्लिसिटी स्टंट है

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक राज्य को झकझोर देने वाले नैतिक पुलिसिंग मामले में एक नया मोड़ आ गया है। एक मुस्लिम महिला सहकर्मी को अपनी बाइक से उसके घर तक छोड़ने पर एक हिंदू व्यक्ति की पिटाई करने वाले दो आरोपियों ने पुलिस से कहा कि उनकी नैतिक पुलिस कार्रवाई का मकसद महज प्रचार है। पुलिस सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

आरोपी व्यक्तियों सुहैल और नायाज ने मामले की जांच कर रही सद्दुगुंटेपल्या पुलिस से यह बात कही।

पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होने के बाद इस मामले पर राज्यभर से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पुलिस को आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का निर्देश देते हुए ऐसी घटनाओं से सख्ती से निपटेगी।

आरोपी एक बाइक का पीछा कर रहा था, जिस पर एक विवाहित मुस्लिम महिला सवार थी, जो एक निजी कंपनी में काम करती है। उसे एक हिंदू सहयोगी उसके घर छोड़ने जा रहा था, क्योंकि देर शाम हो चुकी थी।

दोनों आरोपियों ने बाइक रोक ली और बाइक चला रहे युवक की पिटाई कर दी। उन्होंने महिला को बाइक से उतार दिया और उसका मोबाइल छीन लिया, उसके पति को फोन किया और उसकी पत्नी को अलग धर्म के व्यक्ति द्वारा छोड़ने की अनुमति देने के लिए उसे डांटा।

आरोपी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो अपलोड कर दिया था। घटना शुक्रवार शाम (18 सितंबर) की है। जब वीडियो वायरल हुआ तो आरोपी ने उसे डिलीट कर दिया और गायब हो गया।

हालांकि, पुलिस ने महिला का पता लगाने में कामयाबी हासिल की और आरोपियों का ब्योरा हासिल किया और उनके खिलाफ सद्दुगुंटेपल्या थाने में शिकायत दर्ज कराई। शनिवार को 12 घंटे के अंदर दोनों को पकड़ लिया गया।

पुलिस ने आईपीसी की धारा 354 (छेड़छाड़), 341 (गलत तरीके से रोकना), 504 (गंदी भाषा का इस्तेमाल करना), 506 (आपराधिक धमकी) और 153 (ए) (समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया है।

आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वे पहले भी ऐसे कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड कर चुके हैं और उन्हें यूजर्स का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि इससे उत्साहित होकर वे नैतिक पुलिसिंग में शामिल हो गए और इसने उन्हें प्रचार दिया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें इस बार भी अपने काम के लिए सराहना मिलने की उम्मीद थी और लगा कि यह घटना उन्हें लोकप्रिय बना देगा। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि जेल जाना पड़ेगा। मामले की जांच जारी है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   20 Sept 2021 7:30 PM IST

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