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दैनिक भास्कर हिंदी: राजकीय सम्मान के साथ विदा हुए करुणानिधि, मरीना बीच पर गुरू अन्नादुरई के पास दी गई समाधि
हाईलाइट
- डीएमके नेता एम करुणानिधि को राजकीय सम्मान के साथ मरीना बीच पर समाधि दी गई
- करुणानिधि की अंतिम दर्शन के लिए राजाजी हॉल से मरीना बीच तक घंटो खड़े रहे समर्थक
- देशभर के राजनेता और कलाकारों ने किए करुणानिधि के अंतिम दर्शन
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। 'द्रविड़ योद्धा' कहे जाने वाले डीएमके नेता करुणानिधि को बुधवार रात मरीना बीच पर समाधि दे दी गई। उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके राजनीतिक गुरू अन्नादुरई के समीप दफनाया गया। उनकी अंतिम यात्रा शाम 4 बजे राजाजी हॉल से शुरू होकर मरीना बीच पर खत्म हुई। अंतिम यात्रा करीब 2 घंटे तक चली। इस दौरान करुणानिधि के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन पर उनके दर्शन का इंतजार कर रहे हजारों समर्थकों के बीच से ले जाया गया। करुणानिधि की शव यात्रा में भारी तादाद में समर्थकों का सैलाब उमड़ा। समर्थक करुणानिधि को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई देने के लिए राजाजी हॉल से लेकर मरीना बीच तक लंबी कतारों में घंटो खड़े रहे।
इससे पहले तमिलनाडु सरकार द्वारा करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाने की जगह न दिए जाने पर मद्रास हाईकोर्ट में लम्बी सुनवाई चली। देर रात तक चली सुनवाई के बाद सुबह फिर से इस मामले को सुना गया। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि करुणानिधि को मरीना बीच पर उनके गुरू अन्नादुरै के करीब दफनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट का यह फैसला जब राजाजी हॉल में पहुंचा तो करुणानिधि के परिवार के लोग और उनके समर्थकों के आंसू निकल पड़े। करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन, अलागिरी, कनिमोझी तीनों की आंखें भर आईं।
तमिलनाडु के 94 वर्षीय DMK प्रेसिडेंट एम. करुणानिधि का मंगलवार शाम निधन हो गया था। चेन्नई के कावेरी अस्पताल में पिछले 10 दिनों से उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर लगते ही बड़ी संख्या में प्रदेशभर से उनके समर्थक चेन्नई में जुटने लगे थे। मंगलवार रात करुणानिधि के पार्थिव शरीर को अस्पताल से उनके घर गोपालपुरमर लाया गया। गोपालपुरम के बाद उनका शव दूसरी पत्नी के घर CID कॉलोनी ले जाया गया। इसके बाद करुणानिधि के पार्थिव शव को राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
राजाजी हॉल में सुबह से ही करुणानिधि के दर्शन के लिए देशभर के नेताओं और कलाकारों का जमावड़ा लगा रहा। इनमें पीएम नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारुक अब्दुल्ला, एनसीपी नेता शरद पंवार और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे। कई राज्यों के सीएम भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।
राजाजी हॉल में दर्शन के लिए रखे गए करुणानिधि के पार्थिव शरीर को देखने के लिए समर्थकों का हुजूम इस कदर उमड़ा कि कई बार पुलिस को भीड़ पीछे हटाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। इस दौरान भीड़ में भगदड़ भी मची, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इस भगदड़ में करीब 40 लोग घायल भी हुए।
करुणानिधि के निधन से पूरे तमिलनाडु में शोक की लहर है। राज्य में एक दिन का अवकाश रखा गया और सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया। करुणानिधी के निधन पर भारत सरकार ने भी बुधवार सुबह एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। संसद के दोनों सदनों में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। करुणानिधि के सम्मान में संसद समेत देशभर के राज्यों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा।
मरीना बीच पर समाधि को लेकर हाई कोर्ट में हुई लंबी सुनवाई
करुणानिधि के निधन के बाद उनको दफनाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हुआ। दरअसल करुणानिधि के परिवार और पार्टी कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें चेन्नई के मशहूर मरीना बीच पर उनके राजनीतिक गुरू अन्नादुरई के समीफ दफनाया जाए और उनका समाधि स्थल भी बने, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद DMK ने मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां मंगलवार रात 10.30 से 01.30 बजे तक सुनवाई चली। इसके बाद फिर इस मामले को बुधवार सुबह 8 बजे सुना गया। इसके बाद कोर्ट ने DMK के पक्ष में फैसला सुनाया और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाए जाने की व्यवस्था करें।
यूरिनरी इंफेक्शन के चलते 28 जुलाई से हॉस्पिटल में भर्ती थे करुणानिधी
गौरतलब है कि करुणानिधि को यूरिनरी इंफेक्शन की समस्या के बाद 28 जुलाई को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। शुरुआत में डॉक्टरों ने इस इंफेक्शन पर जल्द ही कंट्रोल पा लिया था और मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा था कि करुणानिधि की तबीयत में सुधार हो रहा है, लेकिन इसके बाद करुणानिधि के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आती गई। मंगलवार सुबह हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने मेडिकल बुलेटिन में कहा था कि ज्यादा उम्र होने के कारण उनके शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की कार्य क्षमता को बनाए रखना चुनौती साबित हो रहा है और उनके लिए अगले 24 घंटे बेहद अहम होंगे। बुलेटिन जारी होने के 24 घंटे के अंदर ही करुणानिधि अलविदा कह गए।
कभी चुनाव नहीं हारे थे करुणानिधि
सीएन अन्नादुरई डीएमके के संस्थापक थे। उनके जाने के बाद करुणानिधि ही डीएमके के सर्वेसर्वा रहे। करुणानिधि ने कुल 13 बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और हर बार जीत दर्ज की। 61 साल के अपने राजनीतिक करियर में वे कभी चुनाव नहीं हारे। 1969 के बाद वे 1971–76, 1989–91, 1996–2001 और 2006–2011 में भी तमिलनाडु के सीएम रहे। वे पहले ऐसे नेता थे, जिनकी बदौलत तमिलनाडु में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी।
पटकथा लेखक से तमिलनाडु की राजनीति के 'पितामह'
करुणानिधि तमिल फिल्मों में पटकथा लेखन का काम करत थे। वे समाजवादी और बुद्धिवादी आदर्शों को बढ़ावा देने वाली ऐतिहासिक और सामाजिक (सुधारवादी) कहानियां लिखने के लिए मशहूर थे। उन्होंने अपनी कहानियों में विधवा पुनर्विवाह, अस्पृश्यता का उन्मूलन, ज़मींदारी का उन्मूलन और धार्मिक पाखंड का उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। अपनी कहानियों के जरीए उन्होंने द्रविड़ आंदोलन के समर्थन में भी अपनी विचारधार पेश की। इस तरह करुणानिधि की कहानियां ही उनकी ताकत बनीं और वे लोकप्रिय होते गए। सामाजिक संदेश देने वाली इन पटकथाओं ने ही उन्हें राजनीति में प्रवेश दिलाया और एक बड़े राजनेता के रूप में स्थापित किया।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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