नए कैबिनेट सचिव गौबा 22 साल में बने थे IAS, 370 हटाने में रही अहम भूमिका
- केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा को नया कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया
- केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति मामले की समिति ने बुधवार को इसकी मंजूरी दी
- राजीव गौबा का जन्म 15 अगस्त 1959 को पंजाब में हुआ था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह सचिव और 1982 बैच के आईएएएस अधिकारी राजीव गौबा को बुधवार को अगला कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने नौकरशाही के शीर्ष पद पर गौबा की नियुक्ति को मंजूरी दी। वो अगले दो सालों तक इस पद पर बने रहेंगे। राजीव गौबा झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। गौबा 30 अगस्त से अपना कार्यभार संभालेंगे।
गौबा, पीके. सिन्हा की जगह लेंगे, जो इस पद पर चार साल पूरा करने के बाद कार्यकाल विस्तार के तहत काम कर रहे थे। सरकार ने सिन्हा को चार साल से अधिक का विस्तार नियमों में बदलाव लाकर दिया था। राजीव गौबा के साथ काम कर चुके अधिकारियों का कहना है कि वे बेहद संतुलित, शांत और विवादों से दूर रहने वाले व्यक्ति हैं। हालांकि उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैबिनेट सचिव के पद पर शायद पहली बार ऐसे अधिकारी की नियुक्ति की गई है, जो कुछ ही दिनों में सेवानिवृत्त होने वाले थे।
एक अधिकारी ने बताया, सरकार ने गौबा को चुना, इसके पीछे जरूर कुछ कारण होंगे। हो सकता है उन्होंने जम्मू और कश्मीर में धारा 370 समाप्त करने और विभाजन करने के सरकार के काम का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, इसलिए चुने गए हों। राजीव गौबा के अलावा अजय कुमार को नया रक्षा सचिव नियुक्त किया गया है। वह संजय मित्रा का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल 23 अगस्त को समाप्त हो रहा है। IAS सुभाष चंद्रा को रक्षा मंत्रालय में नए सचिव (रक्षा उत्पादन) के रूप में नियुक्त किया गया है। वर्तमान में वह रक्षा विभाग में विशेष सचिव हैं।
जानिए नए कैबिनेट सचिव गौबा के बारे में...
राजीव गौबा का जन्म 15 अगस्त 1959 को पंजाब में हुआ था। राजीव गौबा की प्रारंभिक शिक्षा रांची में हुई। बाद में उन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। वह 1982 बैच के झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं। महज 22 साल की उम्र में गौबा IAS अधिकारी बन गए थे।
2017 में केन्द्रीय गृह सचिव बने
31 अगस्त 2017 को उन्होंने केन्द्रीय गृह सचिव के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। गौबा ने इससे पहले, भारत सरकार में गृह, रक्षा, पर्यावरण एवं वन तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों में कार्य किया है। गौबा ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव के रूप में भी कार्य किया है। बोर्ड ऑफ आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) में 4 सालों तक देश का प्रतिनिधित्व किया।
नक्सलियों की पैठ खत्म करने के लिए श्रम सुधारों की दिशा में किया काम
केंद्र में अप्रैल 2016 से प्रतिनियुक्ति पर आने से पहले राजीव गौबा झारखंड में मुख्य सचिव थे। इस दौरान उन्होंने मजदूरों के बीच नक्सलियों की पैठ खत्म करने के लिए श्रम सुधारों की दिशा में काम किया। मजदूरों को हक दिलाया, कल-कारखानों को भी सुरक्षा प्रदान करने में अहम रोल रहा। जिससे नक्सलवाद की घटनाओं में पहले की तुलना में काफी कमी आई। बिहार के विभाजित होने से पहले वह नालंदा, मुजफ्फरपुर और गया में डीएम भी रहे।
अनुच्छेद 370 हटाने में भी अहम भूमिका निभाई
राजीव गौबा ने गृह सचिव रहते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने में भी अहम भूमिका निभाई है। अमित शाह के साथ पूरी प्लानिंग में वह जुड़े रहे। इस बड़ी कार्रवाई से पहले हालात का जायजा लेने के लिए गौबा ने घाटी का दौरा भी किया था।
Created On :   22 Aug 2019 9:00 AM IST