शीला ने BJP के गढ़ में की थी सेंधमारी, निधन पर दिल्ली में दो दिन का राजकीय शोक

शीला ने BJP के गढ़ में की थी सेंधमारी, निधन पर दिल्ली में दो दिन का राजकीय शोक
हाईलाइट
  • दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत
  • बीजेपी के गढ़ को किया था ध्वस्त
  • शुरुआत से ही थी राजनीति में रुचि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की सीनियर लीडर और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर दिल्ली में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। उनकी मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दो दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया। बता दें कि शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी।

दिल्ली में विकास को चार-चांद लगाने वालीं शीला दीक्षित को बीजेपी का अजेय किला भेदने के लिए भी याद किया जाएगा। दरअसल, एक समय दिल्ली को भाजपा का गढ़ माना जाता था, लेकिन शीला दीक्षित ने न सिर्फ उस गढ़ को ध्वस्त किया, बल्कि अपनी सरकार बनाने में भी कामयाब हुईं। देश की राजधानी को रिंग रोड और फ्लाइ ओवर के लिए भी  जाना जाता है, ट्रैफिक कम करने में रिंग रोड मदद करती है, जिसे बनावने में शीला दीक्षित ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 
 
शीला दीक्षित की रुची शुरुआत से ही राजनीति में थी, ऐसे में उनकी शादी यूपी के उन्नाव में रहने वाले विनोद आईएएस विनोद दीक्षित से हुई, विनोद और शीला की मुलाकात इतिहास की पढ़ाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी में हुई थी। उन्हें यूपी की बहु भी कहा जाता है, विनोद के पिता उमाशंकर दीक्षित कांग्रेस नेता थे। शीला ने अपने ससुर से ही राजनीति के गुर सीखे थे। वे कानुपर कांग्रेस में सचिव थे।

बता दें कि शीला के ससुर अपनी सक्रियता दिखाकर जवाहर लाल नेहरू के करीबियों में से एक हो गए थे, इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उमाशंकर देश के गृहमंत्री थे। ट्रेन में सफर करते समय एक दिन उनके पति को हार्ट अटैक आ गया, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। 1991 में उनके ससुर की भी मौत हो गई, जिसके बाद उन्होंने ससुर की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। शीला के दो बच्चे संदीप औ र लतीका हैं।

राजनीति में सक्रिय होने के बाद जल्द ही शीला ने गांधी परिवार के भरोसेमंद लोगों में अपनी जगह बना ली थी, उन्हें इसका इनाम भी मिला और 1984 में कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतकर वह संसद पहुंच गईं। राजीव गांधी की कैबिनेट में उन्हें संसदीय कार्यमंत्री नियुक्त किया गया था। इसके बाद कुछ समय तक वे पीएम कार्यालय में राज्यमंत्री भी रहीं।

 

 

 

 

 

Created On :   20 July 2019 4:28 PM GMT

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