सुरों के ही नहीं उसूलों के भी पक्के थे केके, डबल मीनिंग बोल पर म्यूजिशियन से हो गए थे नाराज, जानें ऐसे ही अनसुने किस्से

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सुरों के ही नहीं उसूलों के भी पक्के थे केके, डबल मीनिंग बोल पर म्यूजिशियन से हो गए थे नाराज, जानें ऐसे ही अनसुने किस्से
यादों में केके सुरों के ही नहीं उसूलों के भी पक्के थे केके, डबल मीनिंग बोल पर म्यूजिशियन से हो गए थे नाराज, जानें ऐसे ही अनसुने किस्से
हाईलाइट
  • विज्ञापनों में जिंगल्स गाने से शुरु किया करियर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अचानक अपने फैन्स को अकेला छोड़ कर जाने वाले सिंगर केके जितने अपने सुरों के पक्के थे उतने ही अपने उसूलों पर भी अडिग थे। ऐसे की किस्से हैं जो बताते हैं कि सिर्फ गाना गाने के लिए केके ने कभी उसके बोल से समझौता नहीं किया। खासतौर से डबल मीनिंग बोल वाले गाने गाने से वो हमेशा बचते रहे। खुद एक इंटरव्यू में केके ने इस बात खुलासा किया कि कैसे वो गाने के बोल के चलते रिकॉर्डिंग अधूरी छोड़ कर चले गए थे।
अपनी खूबसूरत आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाले केके गाना गाने के साथ संगीत को कंपोज भी करते थे। हिंदी भाषा में कई सुपरहिट गाना गाने वाले केके ने तमिल, तेलुगु और मलायालम फिल्मों के गानों को भी अपनी आवाज दी है। आप को जानकर हैरानी होगी कि गायक के रुप में अपने कैरियर की शुरुआत उन्होंने तमिल फिल्मों से की थी। आइए जानते हैं केके के जीवन से जुड़े ऐसे ही कुछ अनसुने किस्से।

बोल पसंद न आने पर छोड़ दिया गाना

बीबीसी को दिए इंटरव्यू में केके ने अपने जीवन से जुड़ा एक सुनाया था। केके मुताबिक, एक बार एक नए संगीतकार ने मुझे गाना गाने के लिए बुलाया। मैनें जब गाना का गाया तो अचानक मुझे महसूस हुआ कि यह बोल सही नहीं हैं। मैं गाना छोड़कर चला गया। इसके कुछ दिनों बाद मुझे उसका कॉल आया कि गाने के बोल बदल दिए गए हैं आप आ जाइए। केके ने बताया कि वह संगीतकार नया था और वह उसकी पहली फिल्म थी। फिल्म का निर्माता भी बड़ा था इसलिए वह न भी नहीं कह पा रहा था। इस घटना के बाद शायद लोगों को यह पता चल गया था कि मैं गाने के नाम पर कहीं भी अपनी आवाज नहीं देता। 
केके हमेशा कहा करते थे कि जब तक गायक खुद गाने को महसूस नहीं करेगा तब तक वह गाना सुनने वाले को कैसे अच्छा लग सकता है। 

विज्ञापनों से हुई काम की शुरुआत, छोड़ आए हम वो गलियां से हुए नोटिस

इंटरव्यू में केके ने अपने संगीत करियर के बारे में बताया था कि, उन्हें बचपन से ही संगीत का बड़ा शौक था, कैसेट प्लेयर में खूब गाने सुना करता था। वह कॉलेज में दोस्तों के साथ मिलकर परफॉर्म भी करता था। फिर शादी होने के बाद वह मार्केटिंग में जॉब करने लगे। लेकिन पसंद का काम न होने के कारण उन्होंने काम छोड़कर मुंबई जाने का फैसला कर लिया। मुंबई में जाकर केके ने विज्ञापनों में जिंगल्स गाने का काम किया और हजारों जिंगल्स गाये (जिंगल्स का मतलब वो छोटा नारा, कविता या धुन है जिसे आसानी से याद किया जा सकता है, इनको मुख्य रुप से विज्ञापन में उपयोग करते हैं)।

जिंगल्स के माध्यम से लोग केके को पहचानने लगे, उन्हें फिल्मों में गाने के ऑफर आने लगे। हालांकि फिल्मों में गाने की शुरुआत उन्होंने सोलो गायक के रुप में नहीं की। उनको माचिस फिल्म के यादगार गाने ‘छोड़ आए हम वो गलियां’ में गाने का मौका मिला। कहने को तो केके इसमें एक सहयोगी गायक के रुप में थे और उनके हिस्से में गाने के नाम पर बस दो लाईने ही आई थीं। लेकिन विशाल भारद्वाज की फिल्म होने की वजह से उन्हें नोटिस किया गया और एआर रहमान की फिल्म में मुझे गाने का मौका मिला। 

साल 1999 रहा करियर का टर्निंग प्वाइंट

बीबीसी से बात करते हुए केके ने बताया था कि, साल 1999 उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण साल रहा। इसी साल फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ का ऑल टाइम हिट सांग ‘तड़प-तड़प के इस दिल से’ उनकी झोली में आया। इस गाने के बाद उनकी आवाज देश में पहचानी जाने लगी। यह गाना गंवाने के लिए केके  संगीतकार इस्माइल दरबार के हमेशा आभारी रहे। वो इसलिए क्योंकि इस्माइल चाहते तो यह गाना वो किसी बड़े गायक से गंवा सकते थे, लेकिन उन्होंने केके जैसे नए गायक पर भरोसा किया। 
केके ने आगे बताया कि, तड़प-तड़प गाने के बाद उसी साल उनका एलबम "पल" रिलीज हुआ था। जिसका गाना ‘याद आएंगे वो पल’ उस दौरान यूथ एंथम बन गया था। केके ने मुताबिक वो जब भी किसी कॉन्सर्ट में जाते थे तो लोग उनसे इस गाने को गाने की डिमांड करते थे।     

  

 
 

Created On :   1 Jun 2022 8:20 AM GMT

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