बिजली के कारण 11 राज्यों में 85 फीसदी दुर्घटनाएं होती हैं

Lightning accounts for 85% of accidents in 11 states
बिजली के कारण 11 राज्यों में 85 फीसदी दुर्घटनाएं होती हैं
नई दिल्ली बिजली के कारण 11 राज्यों में 85 फीसदी दुर्घटनाएं होती हैं
हाईलाइट
  • बिजली सुरक्षा शासन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिजली के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के राज्य-वार विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इनमें से 85 प्रतिशत दुर्घटनाएं 11 राज्यों में होती हैं। गुरुवार को जारी एक थिंक-टैंक के एक चर्चा पत्र में कहा गया है कि बिजली सुरक्षा शासन अंतराल के माध्यम से दुखद रूप से फिसल रहा है।

चर्चा पत्र में कहा गया है कि इन राज्यों - आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में दुर्घटनाओं को कम करने के प्रयासों को मजबूत करने की आवश्यकता है। राज्यों में, उपभोक्ता मिश्रण, वितरण नेटवर्क के रखरखाव की स्थिति, जलवायु परिस्थितियों और सुरक्षा जागरूकता के आधार पर दुर्घटनाओं की संख्या में भिन्नता है। यह थिंक-टैंक प्रयास द्वारा चर्चा पत्र बिजली सुरक्षा : ट्रैजिकली फॉलिंग थ्रू गवर्नेस गैप्स में प्रकाश डाला गया था, जो ऊर्जा और जल क्षेत्र के विकास को ट्रैक और विश्लेषण करता है।

प्रयास विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग के साथ एक वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन (एसआईआरओ) के रूप में पंजीकृत है। इसने कई तरह के समाधान भी पेश किए।

दो प्रमुख स्रोत जो विद्युत दुर्घटनाओं पर जानकारी प्रदान करते हैं, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा तैयार की गई वार्षिक दुर्घटना मृत्यु और भारत में आत्महत्या (एडीएसआई) रिपोर्ट और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की वार्षिक सामान्य समीक्षा है। 2020 की एडीएसआई रिपोर्ट के अनुसार, बिजली के झटके और आग के कारण जनवरी और दिसंबर 2020 के बीच 15,258 लोगों की मौत हुई, जबकि सीईए ने अप्रैल 2019 और मार्च 2020 के बीच 7,717 घातक मानव दुर्घटनाओं की रिपोर्ट दी।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   9 Jun 2022 8:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story