बच्चियों से दुष्कर्म पर होगी फांसी, लोकसभा में पास हुआ विधेयक

बच्चियों से दुष्कर्म पर होगी फांसी, लोकसभा में पास हुआ विधेयक
हाईलाइट
  • 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के अपराध पर मृत्युदंड की सजा देने संबंधी विधेयक को लोकसभा में मंजूरी।
  • किरण रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक के सख्त प्रावधानों को लागू करने में हमारी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
  • राज्यसभा में पास होने के बाद यह विधेयक 21 अप्रैल को लागू दंड विधि संशोधन अध्यादेश 2018 की जगह लेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के अपराध पर मृत्युदंड की सजा देने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी गई। राज्यसभा में पास होने के बाद यह विधेयक 21 अप्रैल को लागू दंड विधि संशोधन अध्यादेश 2018 की जगह लेगा। इसके तहत भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1972, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में संशोधन किया गया है।

 

 

क्या कहा किरण रिजिजू ने?
गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक के सख्त प्रावधानों को लागू करने में हमारी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि केवल कानून बनाने से काम नहीं चलेगा। सख्त प्रावधान जरूरी हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन भी जरूरी है। एजेंसियों और बुनियादी ढांचे को मजबूत करना जरूरी है। पहले लाए गए अध्यादेश को लेकर रिजिजू ने कहा कि अध्यादेश लाना इसलिए जरूरी था क्योंकि जब देशभर में छोटी बच्चियों के साथ जघन्य दुष्कर्म की वारदातें सामने आ रही थीं तो सरकार चुप नहीं रह सकती थी। उस समय संसद सत्र भी नहीं चल रहा था इसलिए अध्यादेश लाया गया।

 

 

विधेयक में है क्या-क्या प्रावधान?

  • 12 वर्ष से कम आयु की लड़की से बलात्कार के अपराध पर दोषी को कम से कम 20 साल जेल या आजीवन कारावास की सजा या मृत्युदंड होगा। 
  • 12 वर्ष से कम आयु की लड़की से सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए दंड आजीवन कारावास होगा या मृत्युदंड होगा।
  • 16 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार के अपराध में सजा 20 वर्ष से कम नहीं होगी और इसे बढ़ाकर आजीवन कारावास किया जा सकेगा।
  • 16 वर्ष से कम आयु की लड़की से सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए दंड आजीवन कारावास होगा जिसका मतलब उस व्यक्ति को शेष जीवनकाल के लिए कारावास होगा और जुर्माना देना होगा। 
  • किसी भी महिला के साथ बलात्कार के अपराध के लिए दंड को सात वर्ष के न्यूनतम कारावास से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रावधान किया गया है और इसे बढ़ा कर आजीवन कारावास भी किया जा सकता है।  
  • बलात्कार के सभी मामलों के संबंध में जांच थाने में जानकारी देने से दो माह की अवधि में पूरी की जाएगी। 
  • जांच और अभियोजन में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों को दंडित करने के भी विस्तृत प्रावधान किए गए हैं। 

Created On :   30 July 2018 7:17 PM GMT

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