दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कम्प्यूटर बाबा ने दिया इस्तीफा, कहा- हिंदू धर्म के लिए कुछ नहीं करते शिवराज
- कंप्यूटर बाबा ने नर्मदा में अवैध उत्खनन का भी उठाया मुद्दा
- कंप्यूटर बाबा ने सीएम शिवराज पर लगाए हिंदू धर्म के विपरित काम करने के आरोप
- मध्यप्रदेश में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कंप्यूटर बाबा ने दिया इस्तीफा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से ठीक पहले यहां शिवराज सरकार सवर्णों की नाराजगी का तो सामना कर ही रही है, साथ ही अब संत समाज भी उनके खिलाफ दिखाई दे रहा है। संतों की ओर से यहां दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री कंप्यूटर बाबा ने मोर्चा खोला है। उन्होंने सोमवार को सीएम शिवराज पर धर्म के विपरीत काम करने के आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है, "हमारे साधू-संतों के समाज में एक प्रक्रिया है कि सभी साथ में बैठकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करते हैं और निर्णय लेते हैं। संत समाज का कहना है कि मैं शिवराज सरकार से कोई भी अच्छा काम नहीं करवा सका। मैं सोचता हूं कि वे सही कह रहे हैं। मुझे ऐसा लगता है कि शिवराज धर्म के ठीक विपरीत हैं और धर्म का काम कुछ करना ही नहीं चाहते हैं। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।"
We have a system where all saints sit togetherdecide things. They said that I couldn"t make Shivraj govt do anything, I think they"re right. Mujhe aisa laga Shivraj dharm ke theek vipreet hain aur dharm ka kaam kuch karna hi nahi chahte hain. So I resigned: Computer Baba, MP min pic.twitter.com/xct1nZR3XE
— ANI (@ANI) October 1, 2018
कंप्यूटर बाबा ने अपने इस्तीफे का ऐलान राजधानी भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया। यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने गौरक्षा और राज्य में जारी अवैध उत्खनन का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "मैंने राज्य में गायों की हालत पर चर्चा की, नर्मदा नदी में हो रहे अवैध उत्खनन का भी मामला उठाया लेकिन मुझे इन मामलों में कोई कदम नहीं उठाने दिया गया। मैं साधू-संतों के विचारों को इस सरकार के सामने आगे नहीं बढ़ा पाया, इसलिए मैं इस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहता।"
गौरतलब है कि कंप्यूटर बाबा उन पांच संतों में से एक हैं, जिन्हें शिवराज सरकार ने इस साल अप्रैल में राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इन संतों में नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज, कंप्यूटर बाबा, भय्यूजी महाराज और पंडित योगेन्द्र महंत शामिल थे। हालांकि भय्यू महाराज ने राज्य मंत्री का दर्जा लेने से इंकार कर दिया था।
Created On :   1 Oct 2018 8:37 PM IST