मनमोहन सिंह का वार- मोदी सरकार की नीतियों से हुआ देश को नुकसान

Manmohan Singh attacked on PM Modi Government in Karnataka
मनमोहन सिंह का वार- मोदी सरकार की नीतियों से हुआ देश को नुकसान
मनमोहन सिंह का वार- मोदी सरकार की नीतियों से हुआ देश को नुकसान

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस अपने सभी दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान पर उतार रही है। सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर वार किया। मनमोहन ने कहा बीजेपी सरकार के राज में देश मुश्किल समय से गुजर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता है। उन्होंने घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि देश में बैंकिंग घोटाले एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा पहुंच गए हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 4 साल में सिर्फ UPA सरकार की सफलता को भुनाया है। सही निर्णय लेने की बजाय उन्होंने सिर्फ इस बात पर ध्यान दिया कि ये दिक्कतें कैसे आईं।

 

 

 

 

 

 

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर हमला

देश में लगातार बढ़ रहीं पेट्रोल -डीजल की कीमतों को लेकर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा पेट्रोल- डीजल के दाम काफी बढ़ गए हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल के दाम काफी कम हैं लेकिन हमारे देश में दिन ब दिन बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा मोदी सरकार में 110 प्रतिशत पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी हुई है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने आम आदमी पर लगातार टैक्स का बोझ भी डाला है।

 

 

मोदी सरकार की नीति से देश को नुकसान

मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार की नीति से देश को काफी नुकसान हुआ है। ये समय ऐसा माहौल बनाने का है जिसमें नए आइडियों पर बात हो। हमें ध्यान रखना चाहिए कि आर्थिक नीति लोगों के लिए बेहद जरूरी होती है।  UPA  सरकार ने विपरित परिस्थितियों में भी 7.8 फीसदी की ग्रोथ रेट से विकास किया था लेकिन मोदी सरकार की नीतियों ने सिर्फ देश को नुकसान पहुंचाया है। मोदी सरकार के राज में देश की GDP यूपीए के राज की आधी रह गई है। कृषि के क्षेत्र में भी काफी गिरावट आई है। मनमोहन सिंह ने कहा पूरी दुनिया में बेंगलुरु की अलग पहचान है। देशभर के युवा यहां नौकरी पाने के लिए आते हैं।

 

 

जल्दबाजी में लागू किया गया GST 

मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि GST लागू करने में जल्दबाजी की गई। इससे देश के छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचा है। बीजेपी की नीति का सबसे ज्यादा असर आम लोगों पर पड़ा है। गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को वोट डाले जाएंगे। 15 मई को चुनाव के परिणाम आएंगे।

Created On :   7 May 2018 7:37 AM GMT

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