महाराष्ट्र: लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को मिली अपने घर जाने की परमिशन

Migrants trapped in lockdown get permission to go home
महाराष्ट्र: लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को मिली अपने घर जाने की परमिशन
महाराष्ट्र: लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को मिली अपने घर जाने की परमिशन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लॉकडाउन के कारण प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूर अब अपने गांव में जा सकेंगे। राज्य सरकार ने प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और विद्यार्थियों को इच्छित स्थल पर जाने की अनुमति दे दी है। राज्य के भीतर फंसे नागरिक अपने मूल गांव जा सकेंगे। गुरुवार को प्रदेश सरकार ने इस संबंध में दिशा निर्देश -जारी किये हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार की तरफ से जारी दिशा निर्देशों को सावधानी से लागू करने के निर्देश दिए हैं। प्रवासी मजदूरों और दूसरे नागरिकों को अपने इच्छित स्थल पर जाने की अनुमति देने के लिए जिलाधिकारी नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे। नोडल अधिकारी अपने जिले के फंसे हुए व्यक्तियों की सूची बनाकर संबंधित जिलाधिकारी को भेजेंगे। दूसरे राज्यों के फंसे मजदूरों की आवाजाही के लिए संबंधित राज्य एक-दूसरे से चर्चा करके जाने के लिए मार्ग पर परिवहन कैसे करना यह निश्चित करेंगे।

जिलाधिकारी अथवा राज्य आपदा प्रबंधन के निदेशक के पत्र के बिना नागरिकों को आवाजाही करने की अनुमति नहीं होगा। जिन्हें अपने खुद के वाहनों से जाना है उनसे भी राज्य से सहमति पत्र लेना आवश्यक होगा। जिन प्रवासी मजदूरों को अपने खुद के वाहनों से जाना है उन्हें भी राज्य से सहमति पत्र लेना आवश्यक होगा। यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों के पास भी राज्य का ट्रान्जीट पास और उस पर सभी यात्रियों का नाम और अन्य जानकारी होना आवश्यक है। इसमें वाहनों के निश्चित मार्ग और अवधि भी लिखना बंधनकारक होगा। जिन स्थलों पर जो यात्री उतरने वाले होंगे संबंधित राज्य अथवा जिलों को उनकी लिस्ट दी जाएगी। यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों के पास भी राज्य का ट्रान्जीट पास और उस पर सभी यात्रियों का नाम और अन्य जानकारी होना आवश्यक है। इसमें वाहनों के निश्चित मार्ग और अवधि भी लिखना बंधनकारक होगा। जिन स्थलों पर जो यात्री उतरने वाले होंगे संबंधित राज्य अथवा जिलों को उनकी सूची दी जाएगी। 

कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों को नहीं मिलेगी अनुमति 
जिन व्यक्तियों को कोरोना या फिर इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण नहीं है केवल उन्हें की यात्रा के लिए मंजूरी दी जाएगी। कोरोना के लक्षण वाले व्यक्तियों के प्रचलित कार्यपद्दति के अनुसार उपचार किए जाएंगे। दूसरे राज्यों अथवा जिला प्रशासन के पत्र में स्पष्ट लिखना पड़ेगा कि संबंधित व्यक्ति को किसी प्रकार का लक्षण नहीं है। जिस राज्य में वह व्यक्ति जा रहे हैं उस राज्य द्वारा निश्चित किए गए नियमों का पालन करने और इलाज कराना संबंधित व्यक्ति पर बंधन कराक होगा। यात्रा के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों पर कीटनाशक का छिड़काव करना होगा। साथ ही वाहनों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालना करना पड़ेगा। 

राज्य में आने वालों को रहना पड़ेगा क्वांरटाइन में
महाराष्ट्र में दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को 14 दिनों तक कोरेंटाइन में रहना पड़ेगा। संबंधित जिलाधिकारी और मनपा आयुक्त को यह सुनिश्चत करने को कहा गया है। राज्य में आने वाले सभी यात्रियों की सबसे पहले जांच होगी। इसके बाद संबंधित व्यक्ति को होम कोरेंटाइन अथवा संस्थात्मक कोरेंटाइन किया जाएगा। उन्हें केंद्र सरकार के आरोग्य सेतु मोबाइल एप डाउनलोड करने को कहा जाएगा। जिससे उनसे लगातार संपर्क बना रहेगा। 

मंत्रालय में नियंत्रण कक्ष 
प्रवासी मजदूरों और यात्रियों को घर जाने की अनुमति की प्रक्रिया पर निगरानी मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष से रखी जाएगी। इसके लिए तीन वरिष्ठ अफसरों की नियुक्ति की गई है। सरकार के राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ नितीन करीर, महिला व बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव आई.ए कुंदन और आपदा प्रबंधन निदेशक अभय यावलकर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष का फोन नंबर 022-22027990 और 022-22023039 है। जबकि ईमेल आईडी controlroom@maharashtra.gov.in है। 
 

Created On :   30 April 2020 11:22 AM GMT

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