GDP डेटा में बदलाव पर भड़की कांग्रेस, चिदंबरम ने कहा- नीति आयोग को बंद किया जाए

Modi government manipulating UPA governments GDP figures of previous years: Congress
GDP डेटा में बदलाव पर भड़की कांग्रेस, चिदंबरम ने कहा- नीति आयोग को बंद किया जाए
GDP डेटा में बदलाव पर भड़की कांग्रेस, चिदंबरम ने कहा- नीति आयोग को बंद किया जाए
हाईलाइट
  • केन्द्र की मोदी सरकार ने बुधवार को UPA की मनमोहन सरकार के 10 साल के कार्यकाल के अधिकांश वर्षों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि दर के आंकड़ों को घटा दिया।
  • नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने कहा
  • कांग्रेस पार्टी न सिर्फ CSO की बौद्धिक और तकनीकी क्षमता को कमतर बताने की कोशिश कर रही है बल्कि 10 जाने-माने सांख्यिकी के विद्वानों जिन्होंने इस पूरी रिपोर्ट की समीक्षा की और इस डेटा को तैयार करने में योगदान दिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार ने बुधवार को UPA की मनमोहन सरकार के 10 साल के कार्यकाल के अधिकांश वर्षों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वृद्धि दर के आंकड़ों को घटा दिया। जिसकी वजह से UPA सरकार के दौरान (GDP) के आंकड़ों में एक से दो फीसदी से ज्यादा की कमी आ गई। मोदी सरकार के इस कदम के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने आंकड़े जारी करने वाले नीति आयोग पर हमला बोलते हुए कहा है कि इस बेकार संस्था को बंद कर दिया जाना चाहिए।

बता दें कि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव ने बुधवार को (GDP) का संशोधित आंकड़ा जारी किया। जिसमें आंकड़ों को 2004-05 के आधार वर्ष के बजाय 2011-12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया गया है, ताकि अर्थव्यवस्था की अधिक वास्तविक तस्वीर सामने आ सके। इससे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नीति आयोग के आंकड़े को बहुत बुरा मजाक बताते हुए कहा, नीति आयोग का संशोधित (GDP) आंकड़ा दरअसल एक मजाक है। एक बहुत ही खराब मजाक। ये आंकड़े किसी सम्मानित कदम को ठेस पहुंचाने भर के लिए जारी किए गए हैं। इससे UPA सरकार के कार्यकाल के उस एकमात्र वर्ष के आंकड़ों में भी एक प्रतिशत से अधिक कमी आई है जब देश ने दो अंकों में वृद्धि दर्ज की थी। इसके अलावा 9 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर वाले तीन वर्षों के आंकड़ों में भी एक फीसदी की कमी आई है। 

सरकार द्वारा संशोधित आंकड़ों में पूर्ववर्ति UPA सरकार का आंकड़ा कम किए जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट में लिखा, नीति आयोग के संशोधित GDP आंकड़े एक मजाक हैं। वे एक बुरा मजाक हैं। असल में वे एक बुरे मजाक से भी बदतर हैं। इन आंकड़ों का उद्देश्य मान सम्मान को धक्का पहुंचाना है। अब जब नीति आयोग ने मान सम्मान को धक्का पहुंचाने का काम किया है, तब समय आ गया है कि इस पूरी तरह से बेकार संस्था को बंद कर दिया जाना चाहिए। इससे पहले के आंकड़ों की गणना राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग करती थी। क्या आयोग को भंग कर दिया गया है? नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने भी चिदंबरम के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। नीति आयोग के वाइस चेयरमैन ने कहा, कांग्रेस पार्टी न सिर्फ CSO की बौद्धिक और तकनीकी क्षमता को कमतर बताने की कोशिश कर रही है बल्कि 10 जाने-माने सांख्यिकी के विद्वानों जिन्होंने इस पूरी रिपोर्ट की समीक्षा की और इस डेटा को तैयार करने में योगदान दिया। उनके महत्व को भी कम कर रही है।

बता दें कि सरकार ने आंकड़ों को 2004-05 के आधार वर्ष के बजाय 2011-12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया है, ताकि अर्थव्यवस्था की अधिक वास्तविक तस्वीर सामने आ सके। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा जारी ताजा समायोजित आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही थी। जबकि इसके पहले 10.3 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। कांग्रेस पार्टी की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा, "मोदी सरकार और इसकी कठपुतली नीति आयोग को विश्वास है कि 2+2=8 होते हैं। यही इनका दिखावटीपन, चालबाजी, भ्रम फैलाने का कारोबार है जिसे बैक डेटा के तौर पर बेचा जा रहा है।

Created On :   29 Nov 2018 2:39 AM GMT

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