2014 में राम मंदिर मुद्दा नहीं था, लेकिन 2019 में है : मोहन भागवत
- RSS चीफ मोहन भागवत चार दिन के दौरे पर मंगलवार को देहरादून पहुंचे।
- भागवत ने कहा कि 2014 में NDA के लिए राम मंदिर अहम मुद्दा नहीं था
- लेकिन अब है।
- भागवत ने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राम मंदिर काफी अहम मुद्दा होगा।
डिजिटल डेस्क, देहरादून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत चार दिन के दौरे पर मंगलवार को देहरादून पहुंचे। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राम मंदिर काफी अहम मुद्दा है। भागवत ने कहा कि 2014 में बीजेपी के लिए राम मंदिर मुद्दा नहीं था, लेकिन अब है।
भागवत ने कहा, "2014 में हुए लोकसभा चुनाव में NDA के पास राम मंदिर मुद्दा नहीं भी होता, तो भी सरकार बनती। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में लहर थी। लोग राम मंदिर की परवाह नहीं कर रहे थे और उन्हें विकल्प की तलाश थी। मगर अब राम मंदिर के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सरकार चाहे जो भी आए, लेकिन राम मंदिर सबसे जरूरी है और वह बनकर रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि राम हम सबके प्यारे हैं। अगर सरकार मंदिर बनवाने में नाकाम रहती है, तो हम संतों के साथ मिलकर इसपर एक्शन लेंगे।"
मोहन भागवत ने इस दौरान नितिन गडकरी के हालिया बयानों पर भी अपनी बात रखी। ऐसा कहा जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से नितिन गडकरी पीएम मोदी को घेरने के लिए काफी बयान दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कई ऐसे बयान दिए थे। इसपर भागवत ने कहा कि "गडकरी ष़ड्यंत्र करने वालों में से नहीं हैं। अगर उनके मन में कुछ होगा, तो वह मुझे जरूर बता देते या बता देंगे। उनके बयानों के बारे में मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं है, लेकिन इतना कहना चाहूंगा कि वह बेहद उदार व्यक्तित्व वाले हैं।"
भागवत ने कहा, "मैं हमेशा से आरक्षण के पक्ष में रहा हूं, लेकिन यह केवल जरूरतमंदों को मिलना चाहिए। इसे धर्म के आधार पर नहीं बांटना चाहिए। बता दें कि भागवत चार दिनों के उत्तराखंड दौरे पर हैं। इस दौरान वह लोगों से बातचीत करेंगे और संघ कैडर और पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही वह इंटेलेक्चुअल, एकेडमियंस, साहित्यकारों और प्रतिष्ठित लोक कलाकारों के साथ भी बातचीत करेंगे।"
Created On :   5 Feb 2019 9:38 PM IST