डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एनएन वोहरा ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा के बाद उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की चिंता करने की जरुरत नहीं है। तैयारियां कर ली गई हैं और ये यात्रा शांतिपूर्वक आयोजित होगी। वहीं उन्होंने जम्मू कश्मीर में सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि अगर सरकार कर्मचारी बायोमेट्रिक सिस्टम के लिए इनरोल नहीं कराएंगे तो उनकी सैलरी रिलीज नहीं की जाएगी।
#JammuKashmir Governor NN Vohra has directed that biometric attendance system be made mandatory for all Govt employees Direction states that no salary would be drawn in favour of Govt employees if they don’t get enrolled in biometric system.
— ANI (@ANI) June 22, 2018
#JammuAndKashmir: Governor of Jammu Kashmir NN Vohra reviews the security preparations of Amarnath Yatra. He said, "There is no need to worry. The preparations are done the Yatra will be conducted peacefully". pic.twitter.com/mQPIrQxUYa
— ANI (@ANI) June 22, 2018
बता दें कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का साया मंडरा रहा है। इस यात्रा से पहले खुफिया रिपोर्ट मिली है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा रूट पर फिदायीन हमला कर सकते हैं। इसके मद्देनजर गुरुवार को ब्लैक कैट कमांडो के नाम से मशहूर नेशनल सिक्यॉरिटी गार्ड्स (NSG) का एक जत्था कश्मीर पहुंचा था। आतंकरोधी अभियानों में भी इनकी मदद ली जाएगी। मालूम हो कि हाल में गृह मंत्रालय ने कश्मीर में एनएसजी की तैनाती को अनुमति दी थी।
अत्याधुनिक हथियारों से लैस है कमांडो
ब्लैक कैट कमांडो की गिनती देश के सबसे खतरनाक कमांडोज में होती है। NSG को 16 अक्टूबर 1984 में बनाया गया था ताकि देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटा जा सके। NSG का एक कमांडो आतंकवादियों के पूरे एक गैंग पर भारी पड़ता है। यहीं वजह है कि जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर मंडरा रहे आतंकी खतरे को देखते हुए इन्हें कश्मीर में तैनात किया गया है। NSG की टीम में दूर से मार करने वाले स्नाइपर के अलावा क्लोज कॉम्बैट टीम के जवान भी शामिल हैं। ये सभी जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं। एनएसजी कमांडो एमपी 5 सब मशीन गन, स्नाइपर राइफल, दीवार पार देखने की क्षमता वाला रेडार और सी-4 एक्सप्लोसिव का इस्तेमाल करते हैं।
JK पुलिस के अधीन रहेंगे NSG
अधिकारियों के मुताबिक NSG को जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधीन रखा जाएगा। वहीं एक्सपर्ट्स मानते है कि एनएसजी कमांडो की तैनाती से आतंकविरोधी अभियानों को और भी ज्यादा ताकत मिलेगी। बता दें कि पीडीपी-भाजपा के सियासी तलाक के बाद सूबे में लगे राज्यपाल शासन के कारण केंद्र सरकार सियासी मजबूरियों के दबाव से बाहर आ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय ने NSG को न सिर्फ आतंकवाद निरोधक ग्रिड में शामिल करने की मंजूरी दी है, बल्कि जरूरत पड़ने पर आतंकी मुठभेड़ के दौरान मौके पर NSG मोर्चा भी संभालेंगे। गृह मंत्रालय ने एनएसजी की भूमिका को बढ़ाते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ को प्रशिक्षित करने की भी योजना तैयार की है।
Created On :   22 Jun 2018 9:01 PM IST