सभी कैदियों की रिहाई नहीं होने तक अंतर-अफगान संवाद की उम्मीद नहीं
इस्लामाबाद, 11 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा की हाल की काबुल यात्रा को तालिबान और अफगान सरकार के बीच सभी महत्वपूर्ण अंतर-अफगान वार्ता की शुरुआत की दिशा में पहला सकारात्मक कदम बताया जा रहा है।
इस दिशा में पाकिस्तान की भूमिका को व्यापक रूप से मान्यता दी जा रही है और उम्मीदें अंतर-अफगान संवाद की तिथि पर लगाई जा रही हैं।
हालांकि, शांति वार्ता की दिशा में प्रयास एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन अंतर-अफगान वार्ता की समयावधि निर्धारित करना या निकट भविष्य में इनके होने की उम्मीदें लगाना अभी दूर की बात लग रही है।
कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने विशेष रूप से आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अफगान जेल में बंद सभी तालिबान कैदियों को रिहा किए जाने तक अफगान सरकार के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है।
बीती 29 फरवरी को दोहा में अमेरिका और तालिबान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें कैदियों की रिहाई का प्रावधान किया गया है।
सुहेल ने कहा, शांति समझौते के मुताबिक जब कैदियों को रिहा कर दिया जाएगा, हम अंतर-अफगान वार्ता शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा, अंतर-अफगान संवाद शुरू होने से पहले कैदियों को 10 मार्च से पहले रिहा किया जाना था। लेकिन उनकी रिहाई में देरी हुई और इसी के साथ वार्ता शुरू होने में भी देरी हुई।
शाहीन ने कहा कि अब तक अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगान सरकार द्वारा कम से कम 2,500 कैदियों को रिहा किया गया है, जबकि प्रतिबद्धता और समझौते की शर्तों के अनुसार कम से कम 5,000 कैदियों को रिहा किया जाना है।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि शेष कैदियों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा ताकि अंतर-अफगान संवाद की दिशा में अगला कदम उठाया जा सके।
तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि संगठन ने अपनी शूरा (उच्चस्तरीय) बैठकों में अंतर-अफगान वार्ता से जुड़ी सभी शर्तो और बातों को अंतिम रूप दे दिया है। अब इंतजार सभी कैदियों की रिहाई का है। इनकी रिहाई के बाद ही वार्ता शुरू होगी।
दूसरी ओर, पाकिस्तान के सेना प्रमुख मंगलवार को एक अघोषित यात्रा पर काबुल पहुंचे और राष्ट्रपति अशरफ गनी और राष्ट्रीय सुलह के लिए अफगान उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। यह यात्रा अफगान मुद्दे पर अमेरिका के विशेष दूत जाल्मे खलीलजाद की इस्लामाबाद व काबुल यात्राओं और दोहा में तालिबान नेताओं के साथ बैठक के बाद हुई।
अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा, जनरल बाजवा ने हमारे प्रयासों और अंतर-अफगान वार्ता की जल्द से जल्द शुरुआत के लिए पाकिस्तान का समर्थन व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि हम अपने सामान्य मुद्दों पर तालिबान के साथ जुड़ने और संघर्ष को समाप्त करने और शांति से रहने के लिए तैयार हैं। मैंने इस संबंध में पाकिस्तान की रचनात्मक भूमिका के महत्व को दोहराया।
पाकिस्तान ने हाल ही में मुहम्मद सादिक को अफगानिस्तान के लिए विशेष दूत नियुक्त किया है, जो यात्रा के दौरान बाजवा के साथ थे।
हालांकि अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने जल्द ही शुरू होने वाली अंतर-अफगान वार्ता की संभावना की ओर संकेत दिया है, लेकिन तालिबान ने काबुल प्रशासन को कैदियों की रिहाई की प्रतिबद्धता के बारे में याद दिलाया है, यह दोहराते हुए कि पांच हजार कैदियों की रिहाई के बाद ही बातचीत हो सकती है।
Created On :   11 Jun 2020 5:01 PM IST