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J&K : अफसरों के सुर बदले, अब जम्मू-कश्मीर में होंगे ये बड़े बदलाव
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस लेते हुए पीडीपी के साथ तीन साल तक चले गठबंधन को तोड़ दिया है। मुफ्ती सरकार गिरने के साथ ही बुधवार सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू कर दिया है। राज्य में राज्यपाल शासन लागू होते ही यहां के सेना और पुलिस समेत प्रशासनिक अधिकारियों के भी सुर बदल गए हैं। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन पहले की तरह जारी रहेगा। वहीं डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि आने वाले दिनों में आतंकियों के खिलाफ होने वाले ऑपरेशन में तेजी आएगी।
डीजीपी एसपी वैद ने बुधवार सुबह मीडिया से बात की। इस दौरान उनसे राज्यपाल शासन लागू होने और उससे पुलिस प्रशासन के काम पर कितना प्रभाव पड़ेगा जैसे सवाल पुछे गए। इन सवालों का जवाब देते हुए एसपी वैद ने कहा कि, 'मुझे लगता है कि इससे काम करना और आसान हो जाएगा। हमारे ऑपरेशन जारी रहेंगे। रमजान के दौरान ऑपरेशंस पर रोक लगाई गई थी। ऑपरेशन पहले भी चल रहे थे, अब इन्हें और तेज किया जाएगा।'
दिल्ली में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए इसी मामले में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि राज्यपाल शासन लगने से कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल शासन से सेना के काम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और आतंक के खिलाफ ऑपरेशन पहले की तरह जारी रहेगा। सेना प्रमुख ने कहा, 'सिर्फ रमजान के दौरान ही हमने अपना ये ऑपरेशन बंद किया था। अब फिर से आतंकियों के खिलाफ हमारे ये ऑपरेशन पहले की तरह ही चलते रहेंगे। गवर्नर रूल लागू होने से हमारे काम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हम पर कोई भी राजनीतिक दबाव नहीं होता है। बिपिन रावत ने सेना के ऑपरेशन में तेजी लाने की बात भी कही है।
छत्तीसगढ़ के ACS को ट्रांसफर कर कश्मीर भेजा
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के साथ ही प्रशासन व्यवस्था में भी हलचल शुरू हो गई है। बुधवार को छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS गृह) बीवीआर सुब्रमण्यम को ट्रांसफर करते हुए जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने मंगलवार शाम को सुब्रमण्यम के तबादले को मंजूरी दे दी।
बता दें कि बीवीआर सुब्रमण्यम 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वह 2002 से 2007 तक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निजी सचिव भी रह चुके हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वे किस पद पर जम्मू-कश्मीर में कार्य करेंगे। वह राज्यपाल एन.एन. वोहरा के सलाहकार के रूप में या फिर राज्य के मुख्य सचिव के रूप में भी काम कर सकते हैं।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।