- Dainik Bhaskar Hindi
- National
- Pakistan also insulted us says Sarabjit Singh sister Dalbir Kaur
दैनिक भास्कर हिंदी: सरबजीत की पत्नी का सिंदूर पोछा, बिंदी हटाई, कृपाण को जूतों के पास रखा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जासूस के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी जब उनसे मिलने पहुंची, तो उनके साथ पाकिस्तान ने जमकर 'बदसलूकी' की। जाधव की मां और पत्नी के कपड़े बदलवाए गए, बिंदी उतरवाई, मंगलसूत्र उतरवाया और जूते तक बदल डाले। अपनी मां और पत्नी को जब जाधव ने बिना बिंदी और मंगलसूत्र के देखा होगा, तो उन्हें कैसा लगा होगा? शायद इस बारे में हम कभी सोच भी नहीं सकते। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी गुरुवार को संसद में दिए अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया कि जब जाधव ने अपनी मां को ऐसे देखा, तो सबसे पहले यही पूछा कि बाबा कैसे हैं?
सरबजीत के परिवार के साथ भी हुआ था ये सब
कुलभूषण जाधव के परिवार के साथ पाकिस्तान ने जो शर्मनाक हरकत की है। उससे एक बार फिर पाकिस्तान बेनकाब हो गया, लेकिन ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह की शर्मसार हरकत की हो। इससे पहले पाकिस्तान ने सरबजीत सिंह के परिवार के साथ भी ऐसी ही हरकत की थी। सरबजीत वही इंसान थे, जो गलती से पाकिस्तान पहुंच गए थे और फिर पाकिस्तान की जेल में ही मार दिए गए। 2008 में सरबजीत की बहन दलबीर कौर, सरबजीत की पत्नी और दो बेटियों को लेकर पाकिस्तान गईं थीं। पाकिस्तान ने सरबजीत को 1990 में हुए लाहौर और फैसलाबाद बम धमाकों का आरोपी मानकर जेल में डाल दिया था।
लाहौर पहुंचते ही शुरू हो गई थी बदसलूकी
सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने अपने उस वक्त को याद करते हुए मीडिया से बात करते हुए बताया कि 'हम लाहौर पहुंचे और मीडिया वालों ने हमारी गाड़ी को घेर लिया। इस वजह से गाड़ी रोकनी पड़ी। हम जो कुछ कर रहे थे, वो सब लाइव दिखाया जा रहा था। हमारे साथ बदसलूकी तो वहीं से शुरू हुई। हमने घंटों तक सरबजीत से मिलने का इंतजार किया।' उन्होंने आगे बताया कि 'जब हम सरबजीत से मिलने पहुंचे, तो हमारे साथ भी वही हुआ, जो जाधव के परिवार के साथ हुआ है। मेरे साथ सरबजीत की पत्नी सुखप्रीत कौर और उनकी दो बेटियां स्वप्नदीप और पूनम भी थीं। पाकिस्तानी अधिकारियों ने हमारे जूड़े खुलवा लिए। उन मासूम बच्चियों की चोटियां खुलवा दीं। सरबजीत की पत्नी की बिंदी उतार दी और रूमाल से सिंदूर पोंछ दिया था।'
जूतों की जगह पर रख दी थी कृपाण
इसके आगे दलबीर ने बताया कि 'पाकिस्तान के अधिकारियों ने हमारे साथ वो सब किया, जो जाधव परिवार के साथ किया। मैंने उन्हें बहुत समझाया कि हमारे यहां ये सब अपशगुन माना जाता है, लेकिन वो माने नहीं। उन्होंने मेरी कृपाण उतारकर भी जूते रखने की जगह पर रख दी। मैंने काफी बहस भी की, लेकिन फिर मुझे मानना पड़ा क्योंकि मुझे मेरे भाई से मिलना था।'
सिर्फ 48 मिनट मिले, जिसमें आधे घंटे तक हम रोते रहे
दलबीर कौर ने सरबजीत के साथ अपनी मुलाकात की घटना को याद करते हुए मीडिया को बताया कि 'हमें मिलने के लिए सिर्फ 48 मिनट का ही समय दिया गया था। जिसमें से हम आधा घंटे तक तो रोते ही रहे। सरबजीत की हालत देखकर हमारा दिल घबरा गया था। सरबजीत और हमारे बीच कालकोठरी की सलाखें थी और हम बस हाथ पकड़कर रोते ही रहे।' उन्होंने आगे बताया कि 'जब हमने उसे खाना देना चाहा तो उसने एक कटोरा आगे बढ़ा दिया। उसे देखते ही मेरा कलेजा फट गया। इस पल को मैं मरते दम तक याद रखूंगी।'
मीडिया वालों ने पूछे ऊटपटांग सवाल
जिस तरह से कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी से पाकिस्तानी मीडिया ने अपमानजनक सवाल किए हैं, ठीक इसी तरह के सवाल सरबजीत के परिवार वालों के साथ भी किए थे। दलबीर ने बताया कि 'जब हम सरबजीत से मिलकर जेल से बाहर आए तो मीडिया वालों ने हमसे ऊटपटांग सवाल पूछने शुरू कर दिए। हमसे मीडिया ने पूछा आप एक आतंकवादी से मिलकर आए हैं। सरबजीत की बेटियों से पूछा गया कि आपके पिता एक आतंकवादी हैं, तो स्कूल में बच्चे आपके साथ कैसे रहते हैं? लोग आपको कैसे देखते हैं?'
मनमोहन सरकार को बताया भी, लेकिन कुछ नहीं हुआ
दलबीर कौर ने बताया कि 'जब हम पाकिस्तान से लौटकर भारत आए, तो इस मुलाकात की जानकारी मनमोहन सरकार को दी, लेकिन किसी ने भी इसपर आपत्ति नहीं जताई। मुझे लगा था कि जो हमारे साथ हुआ, वो जाधव के परिवार के साथ नहीं होगा, क्योंकि उनके साथ मोदी सरकार है, लेकिन उनके साथ भी पाकिस्तान ने बदसलूकी की।' उन्होंने आगे कहा कि 'सरबजीत के साथ हमारी मुलाकात की एक भी फोटो पाकिस्तान ने जारी नहीं की थी, जबकि जाधव के मामले में वो दुनिया को दिखाना चाहता है कि हमने एक हिंदुस्तानी आतंकवादी को पकड़ा है, फिर भी मिलना दिया।'
लाहौर की जेल में हो गई थी सरबजीत की मौत
सरबजीत सिंह गलती से पाकिस्तान पहुंच गए थे। इसके बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सरबजीत को 1990 में लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाकों का आरोपी माना और फांसी की सजा सुनाई, लेकिन उनकी जेल में ही मौत हो गई थी। पाकिस्तान का कहना था कि सरबजीत पर लाहौर जेल में बंद कुछ कैदियों ने हमला कर दिया था, जिसके 6 दिन बार 2 मई 2013 को उनकी मौत हो गई थी।
स्वतंत्रता दिवस: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास से मनाया 75वां स्वतंत्रता दिवस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में 75 वां आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आजादी का यह महोत्सव विश्वविद्यालय ने आजादी के अमर नायकों को समर्पित करते हुए आयोजित किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया और कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह विषेष रूप से उपस्थित थे। इस मौके पर एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स ने फ्लैग मार्च करते हुए राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। साथ ही परेड में स्पोर्ट्स क्लब, एनएसएस और स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल (सैक) भी शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएनटीयू के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे जी ने इस अवसर पर कहा कि ये उत्साह और उमंग की वापसी एक ऐसे आह्वान के ऊपर हो रही है जो इस समय पूरे देश में है। हमारे देश ने जिस तरह की प्रगति पिछले कुछ वर्षों में की है जिस आधार पर यह प्रगति की गई है वो निश्चित ही गर्व के योग्य है। कोविड के दौरान हमने विश्व मानवता हेतु दवाएं एक्सपोर्ट कीं। कोविड में हमने लोगों को बताया कि यदि जीवन शैली है तो वो भारतीय जीवन शैली है जिसके माध्यम से विष्व बचा रह सकता है। हमारी परंपरा ही हमारी रीढ़. की हड्डी है जो हमें बचाए रहती है। हमारा विश्वविद्यालय सदैव यही प्रयत्न करता है कि एकता, अखंडता और सद्भाव का हम यहां उदाहरण प्रस्तुत करें। कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया जी ने विद्यार्थियों से कहा कि यह समय सकारात्मक ऊर्जा का है। सभी को अपने कार्यक्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए ताकि हम राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे सकें। वहीं कुलसचिव डाॅ. विजय सिंह जी ने कहा कि इस समय विद्यार्थियों के सामने अनंत संभावनाएं हैं। विद्यार्थियों को देश को आगे ले जाने का संकल्प लेना चाहिये।
विश्वविद्यालय के स्टूडेंट एक्टिविटी काउंसिल के छात्र रिषी रघुवंषी और एनसीसी नेवल विंग के कैडेट्स चिराग और ग्रुप ने देशभक्ति गीत गाकर देशभक्ति का समां बांध दिया। एनएसएस के स्वयंसेवक अविनाष और ग्रुप एवं सैक के टीना और नेहा ने ग्रुप डांस की मनमोहक प्रस्तुति दी। वहीं छात्र विवेक भास्कर ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत किये। इसी क्रम में टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा रबीन्द्रनाथ टैगोर की जीवनी पर आधारित नाटक ‘एकला चलो रे’ की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर आजादी के 75वें वर्ष तथा देश में पहली बार आयोजित ‘हर-घर तिरंगा’ कार्यक्रम के भावी स्मरणार्थ राष्ट्रीय कैडेट कोर के नेवल विंग और राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के बैनर तले कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, कुलपति डॉ. ब्रम्ह प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ विजय सिंह, एनसीसी आफिसर सब लेफ्टिनेंट मनोज मनराल, कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा गुप्ता एवं श्री गब्बर सिंह सहित समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति में पौधारोपण भी किया गया। आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करने पर इन पौधों के सम्मुख विद्यार्थियों को ले जाकर आजादी की कहानियां सुनाने का प्रण भी लिया गया। कार्यक्रम का संचालन विवेक भास्कर एवं संस्कृति द्वारा किया गया।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक से जरिए जनता को मिल पाएगी बेहतरीन वकीलों द्वारा उत्तम सलाह और वह भी बड़ी आसानी से। चाहे वह कोई उपभोक्ता शिकायत हो या कंपनी पंजीकरण कार्य, लाइसेंस और ट्रेडमार्क संबंधी कार्य या कानूनी दस्तावेज, जीएसटी, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवा या संपत्ति संबंधी मामले या साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक और आप्रवास पर सलाह आदि सेवाएं, यह पोर्टल सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होगा।
मुफ्त संपर्क विवरण
आपके क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का विवरण संपर्क सूत्र सहित मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
समाधान ऐसा जो होगा ग्राहक के बजट में
क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के इस पोर्टल से जुड़ने पर उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का फायदा जनता को मिलेगा। और तो और यह सब ग्राहक के बजट में।
क्या है लॉ समाधान और इसकी सेवाएं कैसे ली जा सकती हैं
- यह सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवाओं के समाधान के लिए सलाह प्रदान करने का सामर्थ्य रखने वाला भारत का एकमात्र वेब पोर्टल है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सटीक, किफायती, पारदर्शी सलाह
- मुफ्त संपर्क विवरण – आपके क्षेत्र के अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का संपर्क विवरण मुफ्त उपलब्ध होगा
- लॉ समाधान का सम्पूर्ण भारत में अधिवक्ता और सीए का विशाल नेटवर्क बन रहा है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के लॉ समाधान से जुड़ने से इसकी विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाती है
- जिसे भी लीगल या लेखा सेवा संबंधित सलाह चाहिए वह कंप्यूटर या मोबाइल पर वेब पोर्टल lawsamadhan.com खोले और जो सेवा लेना चाहते हैं उसे चुने।
- आप इस पोर्टल पर एक क्लिक कर लंबे अनुभव वाली टीम से सर्वोत्तम कानूनी और वित्तीय सलाह प्राप्त कर सकते हैं
- आपके तय बजट और केस के हिसाब से लॉ समाधान आपको बेस्ट अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सुझाव प्रदान करता है
- मध्यस्थता सेवाएं (एडीआर) भी प्रदान की जाती हैं
- नए कारोबार को कानूनी सलाह सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं
बॉक्स
एक क्लिक पर सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवा पर सलाह
उपभोक्ता शिकायत, कंपनी पंजीकरण, लेखा सेवाएं, लाइसेंस और ट्रेडमार्क, जीएसटी, कानूनी दस्तावेज, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवाएं, संपत्ति संबंधी मामले, साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक, आप्रवास पर सलाह आदि
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: जाधव परिवार के साथ बदसलूकी पर बोला PAK, 'भारत को जानकारी थी'
दैनिक भास्कर हिंदी: कुलभूषण जाधव मामले पर चुप क्यों है फिल्म इंडस्ट्री?
दैनिक भास्कर हिंदी: पाकिस्तान पर बिफरीं सुषमा, सदन में मिला विपक्ष का साथ
दैनिक भास्कर हिंदी: जाधव से मुलाकात में मां -पत्नी की चूड़ी-बिंदी उतरवाई, भारत का कड़ा ऐतराज