पाकिस्तान ने इमरान के प्रस्ताव पर भारत के नकारात्मक बयान को खारिज किया
इस्लामाबाद, 12 जून (आईएएनएस)। पाकिस्तान ने भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान के सद्भावना प्रस्ताव के बारे में कही गई बातों पर अफसोस जताया है। इमरान ने समाज के सबसे गरीब वर्गो पर कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के पाकिस्तान के सफल अनुभव को भारत से साझा करने की पेशकश की थी।
इमरान खान ने अपने देश में गरीबों तक लॉकडाउन में नकद राशि पहुंचाने के अहसास कार्यक्रम का उपयोग करने में भारत की मदद करने की पेशकश की थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट में कहा था कि पूरे भारत में लगभग 34 प्रतिशत परिवार बिना सहायता के एक सप्ताह से अधिक समय तक बचे नहीं रह पाएंगे। इस सिलसिले में उन्होंने अपने द्वारा कार्यान्वित नकद हस्तांतरण कार्यक्रम को साझा करने की बात भारत से कही।
इमरान खान की पेशकश का खास महत्व इसलिए भी है कि यह ऐसे समय में आई है जब दोनों देश नियंत्रण रेखा (एलओसी) और सीमा पर हिंसक झड़पों में लगे हुए हैं।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने अपने बयान में कहा कि प्रधान मंत्री इमरान खान का प्रस्ताव एक प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन पर आधारित था, जिसमें भारतीयों पर कोविड-19 लॉकडाउन के प्रभाव को, विशेष रूप से समाज के सबसे गरीब वर्गों पर प्रभाव को उजागर किया गया है। अध्ययन में लॉकडाउन के दौरान प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण की प्रभावशीलता को भी उजागर किया गया है।
बयान में कहा गया है कि कि अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने पाकिस्तान सरकार द्वारा 10 करोड़ गरीब परिवारों को सीधे 120 अरब रुपये के नकद हस्तांतरण के सकारात्मक प्रभाव की सराहना की है और इसे बेहद पारदर्शी तरीके से किया गया बताया है।
पाकिस्तान के बयान में कहा गया है कि वैश्विक महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में खान की पेशकश कोविड-19 के प्रभाव से निपटने में दक्षेस देशों के बीच राष्ट्रीय अनुभवों को साझा करने की पहल के साथ थी। अगर यह इरादा अच्छा है तो प्रधानमंत्री इमरान खान के सुझाव पर भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया उसके स्वयं के नेतृत्व की बात से मेल नहीं खाती है।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार इस बात को मानती है कि वैश्विक महामारी एक आम चुनौती है, जो एक दूसरे पर बढ़त बनाने और एक दूसरे की टांग खींचने जैसी छोटी बातों से कहीं आगे जाकर देशों के बीच गंभीर और प्रामाणिक अनुभवों को साझा करने की मांग करती है, इसके लिए दुनिया को एक साथ आने की जरूरत है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इमरान के मदद के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि भारत का प्रोत्साहन पैकेज ही पाकिस्तान के जीडीपी के बराबर है।
Created On :   12 Jun 2020 6:01 PM IST