शीतकालीन सत्र: ध्वनिमत से पारित जलियांवाला बाग संशोधन विधेयक, कांग्रेस को झटका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक विधेयक, 2019 मंगलवार को राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी इसमें भागीदारी की। इस विधेयक को लोकसभा 2 अगस्त को पारित कर चुकी है। इस बिल को मंजूरी मिलना कांग्रेस के लिए झटका है। अब कांग्रेस प्रमुख इस ट्रस्ट के मेंबर नहीं रह पाएंगे।
राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम, 1951 के तहत प्रावधान था कि इसके न्यासी कांग्रेस प्रमुख होंगे। प्रावधान के अनुसार, केंद्र सरकार इस न्यास के लिए तीन न्यासियों को पांच साल के लिए मनोनीत करती है। केंद्र सरकार अब न्यासियों को बिना किसी कारण कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा सकती है।
सीधे शब्दों में इसका मतलब है कि कांग्रेस चीफ को पदेन सदस्य से हटाए जाने के बाद गांधी परिवार का कोई सदस्य इस ट्रस्ट का हिस्सा नहीं होगा। अब तक राहुल या सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के कारण गांधी परिवार का कोई शख्स लंबे वक्त तक इस ट्रस्ट में रहता था, लेकिन अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी इसका हिस्सा होंगे।
संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि जलियांवाला बाग जनसंहार के 100 साल बाद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हर किसी को इस पर सहमति जतानी चाहिए और इसे पारित करना चाहिए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने सरोगेसी विनियमन विधेयक 2019 को विचार और पारण के लिए सदन के समक्ष रखा और उस पर खुलकर चर्चा हुई। सदन की समयावधि पूरी हो जाने की वजह से चर्चा बीच में रोक कर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार 20 नवंबर 2019 सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित होने की घोषणा कर दी।
राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हजारों लोगों ने जलियांवाला बाग में अपने जीवन का बलिदान दिया। भविष्य में, यह कभी नहीं कहा जाना चाहिए कि हमने रक्त की एक भी बूंद बहाए बिना स्वतंत्रता प्राप्त की। हमें कभी यह नहीं कहना है कि हमने "खड़ग और ढाल" के बिना स्वतंत्रता प्राप्त की। स्वतंत्रता के लिए हजारों लोगों ने गोलियों का सामना किया और अपना खून बहाया।
Sudhanshu Trivedi, BJP, in Rajya Sabha, on Jallianwala Bagh National Memorial (Amendment) Bill: We"ll never have to say that we gained freedom without "khadag, dhaal", the freedom struggle began when thousands of people faced bullets and shed their blood. https://t.co/IiYHnwe2yz
— ANI (@ANI) November 19, 2019
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए पंजाब से कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि देश में 50 साल तक कांग्रेस की सरकार रही। मैं बस यह कहना चाहूंगा कि इसमें कोई बदलाव ना करें। कल को कांग्रेस फिर आ सकती है तो यही अदला-बदली होती रहेगी। सरकार को इससे बुराई ही मिलेगी। इसे विड्रॉ कीजिए। हिस्ट्री को रि-राइट ना कीजिए। अंत में उन्होंने कहा बशीर जी ने कहा है, दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे कि जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों।
Created On :   20 Nov 2019 3:22 AM IST