PM Modi in Gujarat: प्रधानमंत्री मोदी ने सिविल सर्विसेज ट्रेनीज को संबोधित किया, बोले- दिमाग में बाबू मत आने दीजिए

PM Modi in Gujarat: प्रधानमंत्री मोदी ने सिविल सर्विसेज ट्रेनीज को संबोधित किया, बोले- दिमाग में बाबू मत आने दीजिए
हाईलाइट
  • पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिविल सर्विसेज ट्रेनीज को संबोधित किया
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन
  • सिविल सर्विसेज ट्रेनीज से पीएम बोले- दिमाग में बाबू मत आने दीजिए

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे का आज दूसरा दिन है। इस दौरान पीएम ने केवडिया से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिविल सर्विसेज ट्रेनीज को भी संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने ट्रेनी आईएएस अफसरों से कहा, "अपने दिमाग में बाबू मत आने दीजिए। आप कहां से आए हैं इसका ख्याल रखिए। पीएम ने कहा कि अफसरों को रूल और रोल का ख्याल रखना चाहिए।  उन्होंने अफसरों से कहा कि आपको ध्यान यह भी रखना है छपास और दिखास का रोग न लगे, नहीं तो आप लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे।

पीएम मोदी का संबोधन:
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एक साल पहले जो स्थितियां थी और आज जो स्थितियां हैं, उनमें बहुत बड़ा फर्क है। मुझे विश्वास है कि संकट के इस समय में देश ने और देश की व्यवस्थाओं ने जिस तरह काम किया, उससे आपने भी बहुत कुछ सीखा होगा।

आज भारत की विकास यात्रा के जिस महत्वपूर्ण कालखंड में आप हैं, वो बहुत विशेष है। जब आपका बैच काम करना शुरू करेगा, तो वो समय होगा जब भारत अपनी स्वतंत्रता के -75वे वर्ष में होगा।

-आप ही वो अफसर हैं, जो उस समय भी देश सेवा में होंगे, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा। आजादी के 75 से 100 वर्ष के बीच के ये 25 साल भारत के लिए बहुत अहम है।

-अफसरों को सरदार साहब की सलाह थी कि देश के नागरिकों की सेवा अब आपका सर्वोच्च कर्तव्य है। मेरा भी यही आग्रह है कि सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय ले, वो राष्ट्रीय संदर्भ में हों, देश की एकता अखंडता को मजबूत करने वाले हों।

-आपसे मेरा आग्रह है कि आज की रात सोने से पहले खुद को आधा घंटा दीजिए। अपने कर्तव्य, दायित्व, प्रण के बारे में जो आप सोच रहे हैं, उन्हें लिखकर रख लीजिएगा। ये कागज का टुकड़ा जीवन भर आपके संकल्पों को साकार करने के लिए आपके हृदय की धड़कन बनकर आपके साथ रहेगा।

-एक प्रकार से सरदार पटेल ही देश की सिविल सेवा के जनक थे। 21 अप्रैल 1947 को प्रशासनिक अधिकारियों के पहले बैच को संबोधित करते हुए सरदार पटेल ने सिविल सेवा के अधिकारियों को देश का स्टील फ्रेम कहा था।

-स्टील फ्रेम का काम सिर्फ आधार देना, सिर्फ चली आ रही व्यवस्थाओं को संभालना ही नहीं होता। स्टील फ्रेम का काम देश को ये ऐहसास दिलाना भी होता है कि बड़े से बड़ा संकट हो या फिर बड़े से बड़ा बदलाव, आप एक ताकत बनकर देश को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे।

-सरदार पटेल ने एक भारत - श्रेष्ठ भारत का सपना देखा था। उनका ये सपना आत्मनिर्भर भारत से जुड़ा हुआ था। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच भी जो हमें सबसे बड़ा सबक मिला है वो आत्मनिर्भरता का ही है।

-पहले के समय ट्रेनिंग में आधुनिक अप्रोच कैसे आए, इस बारे में बहुत सोचा नहीं गया। लेकिन अब देश में Human Resource की आधुनिक ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है। बीते 2-3 वर्षों में ही सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग का स्वरूप बहुत बदल गया है।

-एक सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप देश के सामान्य मानवी से निरंतर जुड़े रहें। जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे, तो लोकतंत्र में काम करना और आसान हो जाएगा। फील्ड में लोगों से कट-ऑफ कभी मत कीजिए।

-सरकार शीर्ष से नहीं चलती है। नीतियां जिस जनता के लिए हैं, उनका समावेश बहुत जरूरी है। जनता केवल सरकार की नीतियों की, प्रोग्राम्स की receiver नहीं है, जनता जनार्दन ही असली ड्राइविंग फोर्स है। इसलिए हमें government से governance की तरफ बढ़ने की जरूरत है।

-जो भी काम करिए, जिस किसी के लिए भी करिए, अपना समझ कर करिए। जब आप अपने विभाग में सामान्य जनों को अपना परिवार समझ कर काम करेंगे, तो आपको कभी थकान नहीं होगी, आप हमेशा नई ऊर्जा से भरे रहेंगे।

-दिखास" और "छपास" ये दो रोगों से दूर रहिएगा। दिखास और छपास यानी, टीवी पर दिखना और अखबार पर छपना। ये दोनों रोग जिसे लगे, वो अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर सकता।

Created On :   31 Oct 2020 7:10 AM GMT

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