BRICS: भारत-चीन सीमा तनाव के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग

PM Narendra Modi, President Xi Jinping to face each other during BRICS Summit
BRICS: भारत-चीन सीमा तनाव के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग
BRICS: भारत-चीन सीमा तनाव के बीच ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में मिलेंगे पीएम मोदी और शी जिनपिंग
हाईलाइट
  • भारत और चीन के बीच लद्दाख में लंबे समय से चल रहा सीमा तनाव
  • अगले महीने 17 नवंबर से शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में ये दोनों नेता वर्चुअली मिलेंगे
  • चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेन्द्र मोदी की होगी मुलाकात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुलाकात होने जा रही है। अगले महीने 17 नवंबर से शुरू हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में ये दोनों नेता वर्चुअली मिलेंगे। BRICS देशों में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इस बार ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक का विषय "पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल स्टेबिलिटी, शेयर्ड सिक्योरिटी एंड इनोवेटिव ग्रोथ होगा। इससे पहले  BRICS एनएसए की वर्चुअल मीटिंग रूस में हुई थी। भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व अजीत डोभाल ने किया था जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व राजनयिक यांग जिएची ने किया था।

लद्दाख के इलाकों पर चीन की नजर
बता दें कि भारत और चीन के बीच लंबे समय से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। पैंगोंग लेक, गलवान घाटी और हॉट स्प्रिंग सहित अन्य क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के दाखिल होने से ये विवाद पैदा हुआ है। 15 जून की रात लद्दाख की गलवान वैली में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के एक कर्नल और 19 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर आई थी। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली नहीं चली थी। बातचीत के जरिए दोनों देश इस विवाद को सुलझानें की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक इसे पूरी तरह सुलझाया नहीं जा सका है।

डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे दोनों देश
30 जून को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग में दोनों देश डिसएंगेजमेंट के लिए तैयार हुए थे। डिसएंगेजमेंट प्लान में तय हुआ था कि सेना धीरे-धीरे 2.5 से 3 किलोमीटर पीचे हटेगी और LAC के करीब बनाए गए मिलिट्री बिल्ड-अप को भी हटाया जाएगा। उधर, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने 5 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बात की थी। इस बातचीत में भी दोनों देशों के बीच सेना को फेज़ वाइज़ पीछे हटाने पर सहमति बनी। इसके बाद चीन की सेना पेट्रालिंग प्वाइंट 14, 15 और 17A पर टेंट और स्ट्रक्चर हटाते दिखाई दी थी। चीनी सेना ने अपने वाहनों को भी करीब 2 किलोमीटर पीछे हटा लिया था।

Created On :   5 Oct 2020 6:27 PM IST

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