सत्ता पक्ष के साथ अच्छा व्यवहार रखने वाले पुलिस अधिकारियों को सरकार बदलने पर गर्म तेवर का सामना करना पड़ता है: सुप्रीम कोर्ट

Police officers who have good dealings with ruling party have to face heat for change of government: Supreme Court
सत्ता पक्ष के साथ अच्छा व्यवहार रखने वाले पुलिस अधिकारियों को सरकार बदलने पर गर्म तेवर का सामना करना पड़ता है: सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने दिया बड़ा बयान सत्ता पक्ष के साथ अच्छा व्यवहार रखने वाले पुलिस अधिकारियों को सरकार बदलने पर गर्म तेवर का सामना करना पड़ता है: सुप्रीम कोर्ट
हाईलाइट
  • सिब्बल ने अदालत से मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर एक मामले में उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी के साथ ही प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौखिक रूप से कहा, ये अधिकारी.. जब आप सरकार के साथ अच्छे होते हैं, जब सरकार बदलती है, तो आपको गर्मी (गर्म तेवर) का सामना करना पड़ता है।

सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि जब सरकार बदलती है तो चीजें भी बदल जाती हैं।

पीठ ने कहा, उन्होंने जो किया वह भूल जाते हैं।मामले में संक्षिप्त सुनवाई के बाद, पीठ ने नोटिस जारी किया और मामले को चार सप्ताह बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया। सिब्बल ने अदालत से मामले को दो सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने का आग्रह किया। पीठ ने कहा कि चार सप्ताह में कुछ नहीं होगा।

वर्तमान याचिका में, सिंह ने तर्क दिया कि राज्य की एजेंसी ने उनकी पुलिस हिरासत के लिए कोई विस्तार नहीं मांगा है, बल्कि निचली अदालत के समक्ष न्यायिक हिरासत की मांग की है।जनवरी में, छत्तीसगढ़ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सिंह को गिरफ्तार किया था, जो निलंबन में है और उन पर भ्रष्टाचार, देशद्रोह और दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।

इस साल 3 जनवरी को, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली सिंह की एक याचिका को खारिज कर दिया था, जिसने उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा से वंचित कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता के लिए उपस्थित वरिष्ठ वकील को सुनने और रिकॉर्ड पर उपलब्ध सामग्री (कंटेंट) को ध्यान से पढ़ने के बाद, हमें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा पारित आक्षेपित आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है, जिसके द्वारा उक्त अदालत ने अपराध संख्या 22/2021 की प्रथम सूचना रिपोर्ट में गिरफ्तारी और आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए याचिकाकर्ता के आवेदन को खारिज कर दिया था।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल सिंह द्वारा उनके खिलाफ जबरन वसूली के मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था, जब एक राजनीतिक दल सत्ता में होता है, तो पुलिस अधिकारी उनके साथ होते हैं.. मगर जब कोई नई पार्टी सत्ता में आती है, तो सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है। यह एक नया चलन है, जिसे रोकने की जरूरत है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   24 March 2022 4:30 PM IST

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