दैनिक भास्कर हिंदी: प्रवीण तोगड़िया ने पीएम मोदी को लिखा इमोशनल लेटर

March 14th, 2018

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर उनसे मिलने का वक्त मांगा है। पत्र में तोगड़िया ने पीएम को कई पुरानी बातें भी याद दिलाई हैं। इसमें लिखा है, 'बहुत वक्त से हम दोनों का दिल से संवाद नहीं हुआ, जो 1972 से 2005 तक होता रहा था। समय-समय पर देश के, गुजरात के और आपके भी जीवन में जो प्रश्न उपस्थित हुए, उनपर हम दोनों ने साथ रहकर बहुत काम किया। हमारे घर, ऑफिस में आपका आना, साथ में भोजन, चाय ठहाके लगाकर हंसना।।। मुझे विश्वास है आप कुछ भी नहीं भूले हो।'

पत्र में लिखा है,'मित्रता और मोटा भाई के नाते हमारी कई विषयों पर खुलकर चर्चा होती थी, एक दूसरे के साथ, एक दूसरे के लिए खड़े रहे थे। जो 2002 से कम होता गया, जब हजारों हिंदू गुजरात में जेल भेजे गए और 300 के करीब हिंदू गुजरात की पुलिस की गोलियों से मारे गए।" 


पत्र में लिखा है,'सत्ता मिलने के साथ आपने हमसे और मूल विचारधारा से ही दूरी बना ली फिर भी हमारे दिल में आज भी वही संवाद की उम्मीद है और इसलिए यह पत्र लिख रहा हूं।' पत्र में आगे लिखा है कि वह अयोध्या में राम मंदिर, गोवंश हत्या बंदी का राष्ट्रीय कानून, समान नागरिक संहिता, जम्मू कश्मीर में धारा 370 और धारा 35ए हटाने सहित करोड़ों किसानों और मजदूरों के विषय पर चर्चा करना चाहते हैं। 


तंज कसे गए 
पत्र में कई तंज भी कसे गए हैं। तोगड़िया ने लिखा है, 'विकास के लिए हिंदुओं को अपमानित करने की आवश्यकता नहीं होती। दोनों साथ साथ चल सकते हैं, लेकिन बातचीत होनी चाहिए। गौरक्षकों को गुंडा कहना, देवालय के पहले शौचालय जैसे तुलनात्मक बयान, कश्मीर में सेना पर हत्या के मुकदमे और जिहादी पत्थरबाजों पर मुकदमे वापस लेना, सीमा पर जवान और खेत में किसान की मौत, अचानक बदली आर्थिक नीतियों से हजारों बेरोजगार होना, यह कोई विकास नहीं है।' 

पत्र में लिखा है, 'अभी भी समय है साथ बैठकर चर्चा करके हम सब देश को हिंदुत्व विकास की राह पर आगे ले जा सकते हैं। सबका साथ सबका विकास कहते-कहते जिन राहों से साथ गुजरे उन राहों को तुड़वाकर कुछ हासिल नहीं होता।' पत्र के अंत में लिखा है, 'मेरे इस पत्र का सरकारी जवाब नहीं आएगा, एक बिछड़ा मित्र फोन उठाकर बात कर मिलने का समय तय करेगा ऐसी उम्मीद के साथ।'