मौसम विभाग के मुताबिक जून के अंतिम और जुलाई के प्रारंभिक सप्ताह में मानसून पूरे भारत में सक्रिय हो जाएगा। आमतौर पर मानसून जून महीन के मध्यम में ही भारत के ज्यादातर राज्यों को कवर कर लेता है, लेकिन इस मानसून थोड़ा देरी से आ रहा है। मौसम विभाग ने इस बार जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन में 96% बारिश की संभावना जाहिर है।स्काई मेट का कहना है कि अल नीनो और ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते इस बार मानसून के कमजोर रहेगा। उम्मीद है कि मानसून की बारिश करीब 93% तक होगी हालांकि यह भी औसत बारिश से कम ही है।
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48 घंटों में मिलेगी गर्मी से राहत, केरल से दस्तक देगा प्री-मानसून
हाईलाइट
- 65 वर्षों में यह दूसरा मौका है, जब प्री-मानसून करीब-करीब सूखा गुजरा- स्काई मेट
- 48 घंटे के भीतर केरल में दस्तक देगा मानसून- स्काई मेट
- इस साल भारत में औसत से कम होगी बारिश- स्काई मेट
डिजिटल डेस्क,तिरुवनंतपुरम। पूरा देश भीषण गर्मी से बेहाल हो चुका है। हर किसी को गर्मी से निजात और बारिश से मिलने वाली राहत का इंतजार है। ये राहत 48 घंटो के भीतर केरल के दरवाजे से भारत में दस्तक देगी। मौसम विभाग का अनुमान है कि 7 जून को मानसून भारत में दाखिल हो जाएगा। मौसम का पूर्वानुमान देने वाली एजेंसी स्काई मेट ने बुधवार को कहा कि मानसून अगले 48 घंटे में केरल पहुंच सकता है। वहीं राजधानी दिल्ली में मानसून को पहुंचने में 10 से 15 दिन का समय लगेगा। हालांकि, इस साल मानसून कमजोर रहेगा। मौसम विभाग ने अल नीनो और ग्लोबल वॉर्मिग की वजह से इस साल मानसून कमजोर रहने की उम्मीद जताई गई है।


बता दें कि 65 वर्षों में यह दूसरा मौका है, जब प्री-मानसून करीब-करीब सूखा गुजरा। साल 2014 में मानसून में 5 जून को, 2015 में 6 जून को और 2016 में 8 जून को दस्तक दी थी। जबकि, 2018 में मानसून ने केरल में तीन दिन पहले 29 मई को ही दस्तक दे दी थी। पिछले साल सामान्य बारिश हुई थी। प्री मानसून सीजन में सामान्य तौर पर 131.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है। इस साल 99 मिमी. बारिश हुई। स्काई मेट के मुताबिक, "पूर्वी दिशा की ओर बहने वाली हवाओं में नमी है, जिसने उत्तरी भारत में पारे पर थोड़ा नियंत्रण रखा, लेकिन, इसके बावजूद लू के थपेड़ों के चलते लगातार पारा बढ़ता रहा।

गौरतलब है कि इन दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। राजस्थान के पश्चिमी इलाकों और पूर्वी इलाकों के मैदानी भागों में लू चलने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। देश के कई राज्यों में तापमान 47 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। राजस्थान के चूरू में अधिकतम तापमान 48.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले दिनों यहां तापमान 50.8 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच गया था। गौरतलब है कि कई हिस्सें ऐसे भी है, जहां आदमी बूंद-बूंद को तरस रहा है। पूर्वी यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और बिहार के कुछ हिस्सों में पानी की भारी कमी है।
Samar Chaudhary, Meteorologist at Skymet: This is the second driest year in last 65 years, normal rainfall for pre-monsoon is 131.5 mm whereas the recorded rainfall is 99 mm. This condition is due to the prevailing El Niño over the areas which will affect the landfall of monsoon. pic.twitter.com/nDWVCqaMqj
— ANI (@ANI) June 5, 2019