सबरीमाला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिलाएं भी सड़कों पर, तीन राज्यों में हुए प्रदर्शन
![Protest in Karnataka, Delhi, Tamil Nadu against Supreme Court verdict over Sabarimala Temple Protest in Karnataka, Delhi, Tamil Nadu against Supreme Court verdict over Sabarimala Temple](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2018/10/protest-in-karnataka-delhi-tamil-nadu-against-supreme-court-verdict-over-sabarimala-temple5_730X365.jpg)
- दिल्ली
- तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य में महिला श्रद्धालुओं ने भी कोर्ट के फैसले के खिलाफ किया प्रदर्शन
- सबरीमाला में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के फैसले के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन
- सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला अयप्पा मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पिछले सात दिनों से केरल में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को केरल के बाहर भी तीन राज्यों में कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हुए। यह प्रदर्शन दिल्ली, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य में हुए। सबरीमाला में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के फैसले के खिलाफ हुए इन प्रदर्शनों की बड़ी बात यह रही कि इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। भगवान अयप्पा की ये महिला श्रद्धालू भी सबरीमाला में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला अयप्पा मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश को सही ठहराया था। मंदिर में 10 से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। मंदिर अथॉरिटी का कहना था कि रजस्वला (पीरियड) की अवस्था में पवित्रता नहीं रख सकती हैं, इसलिए इस उम्र की महिलाओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित है। मंदिर के इस नियम के खिलाफ साल 2015 में आवाज उठी थी। इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने एक जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी। इस याचिका पर केरल हाई कोर्ट ने सुनवाई कर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को सही माना था। इसके बाद केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ इंडियन यंग लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी और बाद में इसे संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। CJI की अध्यक्षता में संवैधानिक बेंच ने इस याचिका समेत अन्य याचिकाओं पर 17 जुलाई से 1 अगस्त तक लगातार सुनवाई की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में फैसला दिया था। कोर्ट के फैसले के अनुसार हर उम्र की महिलाएं मंदिर में जाने के लिए स्वतंत्र है। केरल की राज्य सरकार ने भी कोर्ट के फैसले पर अमल करना शुरू कर दिया है। सबरीमाला मंदिर प्रशासन ने भी कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटिशन दाखिल करने से इंकार कर दिया है। इसके बाद से पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि केरल सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए और मंदिर में फिर से पुरानी व्यवस्था लागू होनी चाहिए।
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Created On :   7 Oct 2018 5:52 PM GMT