राफेल : रक्षामंत्री के जवाब से राहुल नाखुश, बोले- जो पूछा वो नहीं बताया

राफेल : रक्षामंत्री के जवाब से राहुल नाखुश, बोले- जो पूछा वो नहीं बताया
हाईलाइट
  • राफेल जेट डील को लेकर देश में घमासान छिड़ा हुआ है।
  • राहुल गांधी ने कहा
  • रक्षा मंत्री ने 2 घंटे में एक बार भी अनिल अंबानी का नाम नहीं लिया।
  • राहुल गांधी ने कहा
  • सवालों का जवाब देने के बजाय रक्षा मंत्री ड्रामा करने लगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राफेल जेट डील को लेकर देश में घमासान छिड़ा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर इस डील में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगा रहे हैं। शुक्रवार को लोकसभा में राफेल डील को लेकर करीब 2 घंटों तक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी के सवालों का जवाब दिया। हालांकि इन जवाबों से राहुल गांधी संतुष्ट नजर नहीं आए और बाहर आकर मीडिया के सामने रक्षा मंत्री पर सवालों से भागने और ड्रामा करने का आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने कहा, "संसद में राफेल को लेकर कई सारे सवाल उठाए गए, लेकिन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया। रक्षा मंत्री ने 2 घंटे में एक बार भी अनिल अंबानी का नाम नहीं लिया। मैनें उनसे पूछा कि क्या जब पीएम ने इस डील की बाइपास सर्जरी की तो एयर फोर्स ने कोई आपत्ति जताई, इस सवाल का जवाब देने के बजाय रक्षा मंत्री ड्रामा करने लगीं।" राहुल गांधी ने कहा कि "रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में खुद स्वीकार किया कि 36 राफेल एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए एक नया कॉन्ट्रैक्ट तैयार किया गया, जब मैंने पूछा कि रक्षा मंत्रालय से जुड़े लोगों ने क्या इस पर आपत्ति जताई तो वह हां या न में इस सवाल का जवाब देने के बजाय पीछे हट गईं।"

इससे पहले राहुल गांधी ने लोकसभा में जाने से पहले राफेल जेट डील को लेकर पांच सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री तो चले गए हैं। मेरे सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया है। अब रक्षा मंत्री लोकसभा में इस बारे में बात कर सकती हैं। मैं उनसे राफेल डील पर ये सवाल पूछना चाहता हूं।"

1. राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या कारण है कि अनिल अंबानी को ही कॉन्ट्रैक्ट दिया गया। जबकि आपके पास हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल जैसे विकल्प थे? 

2. राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी बात सामने आ रही है कि रक्षा मंत्रालय को इस डील पर आपत्ति थी। बावजूद इसके यह डील की गई। उन्होंने पूछा ऐसा क्या कारण था कि उनकी आपत्तियों को अनदेखा किया गया और 36 राफेल विमानों को खरीद किया गया? अगर आपत्ति थी तो किस तरह की आपत्ति थी और उन आपत्तियों के निस्तारण के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए? 

3. राहुल गांधी ने सवाल किया कि किन हालातों में 526 करोड़ रुपये की कीमत के विमान 1600 करोड़ रुपये में खरीदे गए?  

4. वो कौन सी जानकारी है जिसके बारे में मनोहर परिर्कर को पता है और जिसे जनता के सामने आने से रोका जा रहा है?   

5. क्या इस डील में सरकार ने एयरफोर्स की सलाह ली थी?

इन सवालों का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा था कि कांग्रेस हमारे ऊपर एचएएल को दरकिनार करने का आरोप लगाती है, लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में थी तो उन्होंने दस साल के समय में एचएएल के लिए कुछ क्यों नहीं किया। कांग्रेस पार्टी एचएएल के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। वहीं उन्होंने कहा कि आप ये कहकर देश को भ्रमित कर रहे हैं कि एनडीए सरकार ने राफेल विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 कर दी। कांग्रेस सरकार सिर्फ़ 18 तैयार विमान खरीदने वाली थी जबकि एनडीए ने ये संख्या बढ़ाकर 36 की। देश को पहला राफेल विमान 2019 के सितंबर महीने में और सभी विमान 2022 तक मिल जाएंगे।

Created On :   4 Jan 2019 7:52 PM IST

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