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प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर महाराष्ट्र की सियासत में उबाल, राज ठाकरे के बाद संजय राऊत का योगी आदित्यनाथ पर पलटवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। राज ठाकरे के बाद शिवसेना के सांसद संजय राऊत ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जिन्हें हमने संत का दर्जा दिया है और वे महात्मा है, उन्होंने प्रवासी मजदूरों को लेकर इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया है। राऊत ने कहा कि योगी अगर अपने राज्य के मजदूरों को महाराष्ट्र अथवा किसी दूसरे राज्य में नहीं भेजना चाहते हैं तो यह उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी है। इसमें महाराष्ट्र सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है। राऊत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को संकट के कारण मजबूरन अपने गांव जाना पड़ा। इसके लिए केंद्र सरकार की कुछ नीतियां जिम्मेदार हैं और लॉकडाउन के कारण उनके पास रोजगार नहीं है। उसका दोष कोई राज्य सरकार को देता है तो यह ठीक नहीं है। राऊत ने कहा कि सालों तक पूरे देश के मजदूरों को मुंबई ने पाला, पोसा और बड़ा किया है। इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के हैं। मुंबई में प्रवासी मजदूर भाईचारे से रहते थे। राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने लाखों मजदूरों को उत्तर प्रदेश तक पहुंचाया है। लेकिन जो मजदूर राज्य से चलकर उत्तर प्रदेश में गए हैं उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। हमारी जिम्मेदारी नहीं है। देश भर से लाखों मजदूर उत्तर प्रदेश गए हैं उन मजदूरों को भोजन मिल रहा है कि नहीं। आदित्यनाथ की इसकी चिंता करनी चाहिए। इस बीच राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की मुलाकात पर राऊत ने कहा कि देश और महाराष्ट्र में कोरोना का संकट बना हुआ है। इसलिए राज्यपाल हर प्रमुख व्यक्ति से जानना चाहते हैं कि राज्य में क्या हो रहा और क्या करना चाहिए। यह राज्यपाल की अच्छी भावना है। राज्यपाल को सामाजिक कार्यों में सक्रिय होना भी चाहिए।
जिसका सीएम, उसी की सरकार
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के राज्य में शिवसेना की सरकार होने के बयान पर राऊत ने कहा कि राज्य में जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस थे तो हम भी कहते थे कि भाजपा की सरकार है। क्योंकि मुख्यमंत्री भाजपा के थे। जिस दल का मुख्यमंत्री होता है सरकार की पहचान उसी दल से होती है। राऊत ने कहा कि राज्य में गठबंधन की सरकार है।
रेल मंत्री को चिढ़ना नहीं चाहिए
रेल मंत्री पीयूष गोयल के प्रवासी मजदूरों की सूची मांगने पर राऊत ने कहा कि उन्हें चिढ़ना नहीं चाहिए। गोयल राज्यसभा में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में नागपुर और पुणे से सरकार के बिना मांगें ट्रेनें चलाई गई हैं। राऊत ने कहा कि मुझे आश्चर्य और खेद है कि महाराष्ट्र निवासी केंद्रीय मंत्री गोयल सूची मांग रहे हैं। रेल मंत्री इस भूमिका से बाहर निकले कि राज्य में विपक्ष की सरकार है। राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए जितनी ट्रेनों की मांग की थी उतनी नहीं मिल पाई है। इस पर अगर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोई टिप्पणी की है तो गोयल को इतना गुस्सा होने की जरूरत नहीं है। राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा के नेता जिस तरीके से कांले झंडे दिखा रहे थे उससे साफ है कि संकट काल में विपक्ष राजनीति कर रहा है।
राज ठाकरे ने आदित्यनाथ को दी चेतावनी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि प्रवासी मजदूर बिना अनुमति महाराष्ट्र नहीं आने चाहिए। राज ठाकरे ने प्रवासी मजदूरों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चेतावनी दी। आदित्यनाथ ने कहा था कि किसी राज्य को उत्तर प्रदेश के मजदूरों की जरूरत पड़ेगी, तो उस राज्य को पहले उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी। राज ने कहा कि अगर आदित्यनाथ का यह रूख है, तो आगे से महाराष्ट्र में आते समय हमारी और महाराष्ट्र की पुलिस की अनुमति के बिना प्रवासी मजदूर राज्य में नहीं आ पाएंगे। आदित्यनाथ इस बात का ध्यान रखें।
राज ने कहा कि प्रदेश की महाविकास आघाडी सरकार को भी इन बातों को गंभीरता से लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आगामी समय में प्रवासी मजदूरों का महाराष्ट्र आते समय ही पंजीयन किया जाना चाहिए। पुलिस स्टेशन में प्रवासी मजदूरों की फोटो और पहचान पत्र होने चाहिए। तभी मजदूरों को महाराष्ट्र में प्रवेश दिया जाए। इसका पालन कड़ाई से किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था कि दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को अगर कोई राज्य वापस बुलाना चाहता है, तो इसके लिए उस राज्य को उत्तर प्रदेश सरकार से पहले अनुमति लेनी पड़ेगी। इसी बीच आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को प्रवासी आयोग बनाने के निर्देश दिए हैं। यह आयोग प्रवासी मजदूरों को रोजगार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
प्रवासी मजदूर देश के नागरिकः सावंत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के बयान पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि प्रवासी मजदूर देश के नागरिक हैं। प्रवासी मजदूरों को देश में कहीं पर भी काम करने के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। सावंत ने कहा कि आदित्यनाथ देश में सबसे अक्षम और हृदयहीन मुख्यमंत्री हैं। आदित्यनाथ के पास उत्तर प्रदेश को बेहतर बनाने के लिए दूरदृष्टि नहीं है। जिससे वहां के लोगों को काम करने के लिए पलायन की जरूरत न पड़े। सावंत ने कहा कि हमारी मांग है कि महाराष्ट्र से जाने वाले प्रवासी मजदूरों का उत्तर प्रदेश सरकार ध्यान रखें, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके जीवन को नरक बना रही है।
Created On :   25 May 2020 6:38 PM IST