राज्यसभा में राजा और महाराजा होंगे आमने-सामने
भोपाल 19 जून (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की सियासत के दो दिग्गज, जो कभी कांग्रेस में साथ रहते हुए भी अलग-अलग थे, अब दोनों अलग-अलग दलों से राज्यसभा में एक-दूसरे के आमने-सामने नजर आएंगे। महाराजा यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा की बेंच पर होंगे तो उनके सामने कांग्रेस की बेंच पर राजा यानी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नजर आएंगे।
मध्यप्रदेश से राज्यसभा की 3 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। दो स्थानों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है तो वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में आई है।
सिंधिया घराने से होने के नाते पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराजा कहा जाता है, वहीं राघोगढ़ रियासत के प्रतिनिधि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजा कहकर बुलाया जाता है।
कांग्रेस से सिंधिया की बगावत ने राज्य के सियासी समीकरणों को ही बदल दिया। सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी छोड़ने के साथ विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके चलते तीन महीने पहले कांग्रेस की कमल नाथ सरकार गिरी और भाजपा सत्ता में आई। इतना ही नहीं, राज्यसभा की संभावित दो सीटों में से कांग्रेस के खाते में एक ही सीट आई।
मध्यप्रदेश की सियासत में सिंधिया राजघराने और दिग्विजय सिंह के परिवार की अदावत काफी पुरानी है। दोनों ही राजघरानों के प्रतिनिधि भले ही कांग्रेस में एक साथ रहे, मगर उनके बीच पटरी कभी नहीं बैठी और उसी का नतीजा रहा कि दोनों के बीच गाहे-बगाहे टकराव के हालात बनते रहे।
सिंधिया ने इस जीत के बाद भाजपा के नेतृत्व के प्रति आभार जताया है वहीं राज्य के विकास में हरसंभव सहयोग का वादा भी किया है।
वहीं, कमल नाथ राजाओं-महाराजाओं पर तंज कसने में कभी पीछे नहीं रहते और उन्होंने बीते दिनों कहा भी था कि जो राजा-महाराजा कांग्रेस को धोखा देकर गए हैं, उनका हश्र क्या हुआ, सबके सामने है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया यानी महाराजा और दिग्विजय सिंह यानी राजा अब निर्वाचित होकर राज्यसभा में पहुंचे हैं। यह पहला मौका होगा, जब दोनों ही नेता संसद के उच्च सदन में एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।
Created On :   19 Jun 2020 11:00 PM IST