उत्तराखंड: त्रिवेंद्र रावत सरकार का बड़ा फैसला, प्रमोशन में आरक्षण खत्म

Reservation in Uttarakhand now in promotion, employees take back strike
उत्तराखंड: त्रिवेंद्र रावत सरकार का बड़ा फैसला, प्रमोशन में आरक्षण खत्म
उत्तराखंड: त्रिवेंद्र रावत सरकार का बड़ा फैसला, प्रमोशन में आरक्षण खत्म
हाईलाइट
  • उत्तराखंड में अब पदोन्नति में आरक्षण खत्म
  • कर्मचारियों ने हड़ताल ली वापस

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को खत्म कर दिया है। अपनी सरकार के तीन साल पूरे होने पर त्रिवेंद्र रावत सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। शासन ने आखिरकार हड़ताली कर्मचारियों की बात मानते हुए पदोन्नति में लगी रोक हटा दी है। शासन के इस आदेश के बाद लंबे समय से आंदोलन कर रहे जनरल-ओबीसी के कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल भी खत्म कर दी है।

शासन द्वारा पदोन्नति में लगी रोक हटाने के साथ ही एक सप्ताह के भीतर डीपीसी संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। इससे तकरीबन 30 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। कर्मचारियों के उग्र होते आंदोलन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने बुधवार को यह फैसला लिया। सरकार ने हड़ताल खत्म करने की काफी कोशिशें की थी, लेकिन कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े रहे थे।

कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कामकाज प्रभावित
प्रदेश में जनरल-ओबीसी श्रेणी के कर्मचारी पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को लागू करने और प्रदेश सरकार द्वारा पदोन्नति में लगाई गई रोक को हटाने की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा था। कर्मचारियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए मंगलवार को मुख्य सचिव ने हड़ताली कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया। इस दौरान उन्होंने पदोन्नति पर लगी रोक हटाने पर सहमति जताई, हालांकि कर्मचारी अन्य मांगों पर भी सहमति जताने की बात कर रहे थे लेकिन मुख्य सचिव ने केवल एक ही बिंदु पर अपनी सहमति देने की बात कही।

मुख्यमंत्री की सचिव राधिका झा ने कर्मचारियों से वार्ता की। उन्होंने आश्वासन दिया कि पदोन्नति में रोक हटाने का आदेश तुरंत जारी कर दिया जाएगा। हड़ताल की अवधि के दौरान कर्मचारियों पर कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी और इस अवधि का उपार्जित अवकाश दिया जाएगा। इसके बाद शासन ने आदेश जारी कर दिया। आदेश में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के क्रम में सरकार ने 11 सितंबर 2019 को पदोन्नति में लगाई रोक को समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही पांच सितंबर 2012 का शासनादेश प्रभावी हो गया है। उसके अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

MP Crisis LIVE: स्पीकर के वकील सिंघवी ने मांगा 2 हफ्ते का समय, SC ने कहा- जल्द हो फ्लोर टेस्ट

 

Created On :   18 March 2020 5:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story