सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा : चीन की सैन्य छावनी में बदला डोकलाम का उत्तरी क्षेत्र

Satellite images reveal that China has create military camp in Doklam
सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा : चीन की सैन्य छावनी में बदला डोकलाम का उत्तरी क्षेत्र
सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा : चीन की सैन्य छावनी में बदला डोकलाम का उत्तरी क्षेत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्‍ली। भारत-चीन के बीच डोकलाम विवाद को अगस्त में सुलझा लिए जाने के दावे किए जा रहे थे, लेकिन वास्तव में यह विवाद सुलझने की बजाय और उलझता जा रहा है। ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में खुलासा हुआ है कि चीन ने डोकलाम के उत्तरी क्षेत्र में भारी भरकम सैन्य साजो सामान इकट्ठा कर लिया है। उसने इस क्षेत्र में कई सैन्य शिविर बना लिए हैं। सैटेलाइट तस्वीरों में चीनी सेना के शिविर, टैंक, आर्म्ड व्हीकल और मिसाइलें स्पष्ट रूप से नजर आ रही हैं।

इन तस्‍वीरों में पूरे डोकलाम क्षेत्र में हो रही चीनी गतिविधियों से पर्दा उठ गया है। सैटलाइट तस्वीरों में डोकलाम के अन्दर कुछ हैलिपेड भी दिखाई दे रहे हैं इनकी संख्या करीब 7 हो सकती है। डोकलाम के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात टैंकों और आर्टिलरी के साथ-साथ यहां अन्य सैन्य उपकरणों की मौजूदगी भी पाई गई है।



तस्वीरो में डोकलाम के कई क्षेत्रों में खाइयां जैसी सरंचना भी दिख रही हैं जो संभवतः सेना के बंकर बनाने की तैयारी के लिए होंगी। सिक्किम के डोकाला स्थिति भारतीय पोस्‍ट के केवल 81 मीटर की दूरी पर भी चीनी पोस्ट दिखाई दे रही है। इन तस्वीरों से इस बात की पुष्टि हो गई है कि डोकलाम में हुए विवाद के बाद चीन दक्षिण में अपनी सड़क का विस्‍तार तो नहीं कर सका, लेकिन वह इस इलाके से हटे भी नहीं हैं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह पहले ही कहा जा रहा था कि चीन ने एक बार फिर डोकलाम में बड़ी संख्या में सेना का जमावड़ा कर लिया है। वह डोकलाम में रोड और बंकर समेत कई निर्माण कार्य भी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा था कि चीन के विभिन्न तरह के निर्माण उपकरण भी डोकलाम में मौजूद हैं। हालांकि डोकलाम में चीनी सैनिकों के जमावड़े और उनके द्वारा किये जा रहे इनफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट के कामों को भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने ज्यादा गंभीर नहीं माना था। उन्होंने बुधवार सुबह कहा था कि डोकलाम में हमेशा कुछ चीनी सैनिक मौजूद रहते हैं इसमें चिंता वाली कोई बात नहीं है।

डोकलाम में चीन द्वारा किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर के कामों को भी उन्होंने आम बात करार दिया था। उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिकों ने डोकलाम के एक हिस्से में जो इनफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट के काम किए हैं, वे ज्यादातर अस्थायी हैं, इस पर भारत को ज्यादा गंभीर होने की जरुरत नहीं है।

गौरतलब है कि इसी साल जून में चीनी सैनिकों द्वारा भूटान के डोकलाम क्षेत्र में रोड बनाने को लेकर दोनों देशों के बीच विवाद शुरू हुआ था। भारतीय सैनिकों ने भारत, चीन और भूटान के इस ट्राइजंक्शन में पहुंचकर चीनी सेना को रोड बनाने से रोक दिया था। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई भी हुई थी। इस घटना के बाद करीब ढाई महीनों तक डोकलाम में भारतीय-चीनी सैनिक एक-दूसरे के सामने डंटे हुए थे। इस दौरान चीनी मीडिया ने कई बार भारत को युद्ध की धमकी भी दी थी। हालांकि अगस्त के अंत तक यह विवाद सुलझा लिया गया था।

बता दें कि डोकलाम भूटान का क्षेत्र है, जिस पर चीन अपना हिस्सा होने का दावा करता आया है। वहीं भारत का कहना है कि चीन डोकलाम पर कब्जा कर भारत-चीन और भूटान के ट्राइजंक्शन का नक्शा बिगाड़ना चाहता है।

Created On :   17 Jan 2018 5:10 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story