- Dainik Bhaskar Hindi
- National
- SC clears two judges divorce using special powers
दैनिक भास्कर हिंदी: SC ने विशेष शक्तियों का इस्तेमाल कर मंजूर किया दो जजों का तलाक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 17 साल से अलग रह रहे दो जिला जजों के तलाक को मंजूरी दे दी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल किया। लोअर और हाईकोर्ट इन जजों के तलाक को नामंजूर कर चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इन दोनों जजों में सुलह की कोई गुंजाइश नजर नहीं आती। लिहाजा, तलाक दे दिया जाए। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए. बोवडे और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की बेंच ने की। बेंच ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस मामले में दिए गए 2012 के ऑर्डर को भी बदल दिया।
यह है मामला?
दोनों जजों की शादी 1992 में हुई थी। एक साल बाद यानी 1993 में उनके यहां बेटी का जन्म हुआ। सात साल बाद यानी सन 2000 में वे अलग हो गए। अलग होने के पांच साल बाद सन 2005 में पति ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर की। इसमें पत्नी पर आरोप लगाया गया कि उसका बर्ताव अच्छा नहीं है और वो उसके (पति के) बीमार पिता को सम्मान नहीं देती। पति का आरोप था कि पत्नी बच्ची को साथ ले गई और यह धमकी दी है कि अगर तलाक की मांग की तो वह उसके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज करा देगी। महिला ने आरोप खारिज कर दिए और तलाक की अर्जी खारिज करने की मांग की। पश्चिम बंगाल की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 2009 में तलाक की अर्जी खारिज कर दी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस फैसले को 2012 में बरकरार रखा।
किस आधार पर दिया फैसला?
बेंच ने कहा कि तलाक की सुनवाई में पत्नी का हिस्सा लेने से इनकार करना, पति को एक खत्म हो चुकी शादी का हिस्सा बने रहने पर मजबूर करना एक तरह से मानसिक बर्बरता है। इस कमेंट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाईकोर्ट के ऑर्डर को खारिज कर दिया और कहा कि इस मामले में पूरा इंसाफ होना चाहिए। बेंच ने संविधान की धारा 142 के तहत मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए तलाक की अर्जी मंजूर कर दी। बेंच ने कहा अगर अदालत को लगता है कि एक शादी भावनात्मक तौर पर खत्म हो चुकी है और सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची है तो तलाक मंजूर किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा दोनों 17 साल से अलग रह रहे हैं। इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि वह फिर साथ रहेंगे। तो फिर उन्हें साथ रहने के लिए मजबूर करना ठीक नहीं होगा। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पति की तलाक की अर्जी यह कहते हुए खारिज की थी कि वो बर्बरता के आरोप सिद्ध नहीं कर पाया है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।