हरियाणा के नतीजे देख, झारखंड में भाजपा अलर्ट मोड में

See results of Haryana, BJP in alert mode in Jharkhand
हरियाणा के नतीजे देख, झारखंड में भाजपा अलर्ट मोड में
हरियाणा के नतीजे देख, झारखंड में भाजपा अलर्ट मोड में

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर,(आईएएनएस)। हरियाणा के चुनाव नतीजों ने झारखंड में भाजपा को अलर्ट मोड में ला दिया है। पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी दल झारखंड विकास मोर्च (झाविमो) के छह विधायकों को तोड़कर किसी तरह सरकार बनाने में सफल रही भाजपा इस बार किसी भी हाल में बहुमत के आंकड़े को छूना चाहती है।

भाजपा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के विधानसभा चुनाव प्रभारी ओम माथुर को इस मोर्चे पर बीते अगस्त से ही लगा रखा है। झारखंड में इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भले ही 14 में से 12 सीटें राजग को मिलीं, मगर पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर किसी तरह के मुगालते में नहीं है। पार्टी का मानना है कि हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर स्वीप करने के बाद भी जब विधानसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिल पाया तो फिर झारखंड को लेकर भी अति आत्मविश्वास का शिकार होना ठीक नहीं।

भाजपा में चुनाव प्रबंधन से जुड़े एक नेता ने आईएएनएस से कहा, भाजपा इस मामले में खुशनसीब है कि उसे कोई न कोई चुनाव नतीजा आगे के लिए, समय रहते रेड अलर्ट कर देता है, जिससे आगे की रणनीतिक चूकों को दूर करने में मदद मिलती है। हरियाणा के चुनाव नतीजे देखकर पार्टी फुलप्रूफ प्लान पर काम कर रही है। इसे धरातल पर उतारने के लिए संगठन के ऐसे मंझे हुए नेताओं की टीम उतारी जाएगी, जिन्हें झारखंड के मिजाज की बारीक समझ होगी।

दरअसल, झारखंड को लेकर भाजपा की चिंता इसलिए है, क्योंकि पिछली बार 81 में से सिफे 37 सीटें मिलीं थीं। तब बहुमत के लिए भाजपा को मुख्य विपक्षी दल झाविमो के छह विधायकों को तोड़ना पड़ा था। इसके बाद बहुमत के लिए जरूरी 41 के मुकाबले भाजपा के पास 43 विधायक हुए थे। राज्यपाल ने दो तिहाई से अधिक विधायकों के भाजपा में आने के कारण उनके विलय को मंजूरी दी थी।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर 2014 की तरह फिर भाजपा की गाड़ी बहुमत से दूर खड़ी हो गई तो पिछली बार की तरह जोड़तोड़ की राजनीति के लिए मजबूर होना पड़ेगा, ऐसे में पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंककर बहुमत लाने की कोशिश में है।

सूत्र बताते हैं कि झारखंड में पहली बार बनाए गए गैर आदिवासी मुख्यमंत्री रघुबर दास से कहा गया है कि वह किसी भी कीमत पर असंतुष्ट नेताओं को मनाएकर एकजुट रखें। चुनाव में भितरघात हर संभव तरह से रोकें। पार्टी हरियाणा की तरह झारखंड में टिकट वितरण में किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती।

हरियाणा में टिकट कटने से नाराज हुए कई नेताओं ने जिस तरह से बागी के रूप में चुनाव लड़कर जीत दर्ज की, उससे भाजपा झारखंड में जनाधार वाले नेताओं को नाराज करने का जोखिम बिल्कुल मोल लेना नहीं चाहती।

Created On :   25 Oct 2019 3:30 PM GMT

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