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- Spiritual leader Bhayyuji Maharaj committed suicide, Family discord may be the reason
दैनिक भास्कर हिंदी: भय्यूजी महाराज ने खुद को मारी गोली, हॉस्पिटल में निधन, सुसाइड नोट बरामद
हाईलाइट
- संत भय्यूजी महाराज ने खुद को मारी गोली।
- इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में निधन।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। राष्ट्र संत के रूप में प्रसिद्ध भय्यूजी महाराज ने गोली मारकर खुदकुशी कर ली है। जानकारी के मुताबिक इंदौर के सिल्वर स्प्रिंग स्थित निवास पर उन्होंने खुद को गोली मारी थी। इसके बाद उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें बचाने की कोशिश नाकाम रही। भय्यूजी महाराज की मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बड़ी फॉलोइंग है।आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने कहा कि पुलिस ने सुसाइड नोट और आत्महत्या में प्रयुक्त लाइसेंसी हथियार बरामद कर लिया है। नोट में अंग्रेजी में लिखा गया है, 'किसी को वहां परिवार की देखभाल के लिए होना चाहिए। मैं जा रहा हूं... काफी तनावग्रस्त, परेशान था।
He has been admitted to the hospital, can't say anything else right now. He had shot himself in the head: Jayant Rathore, Indore Police on spiritual leader Bhayyuji Maharaj allegedly shoots himself pic.twitter.com/TJmW1QFhzK
— ANI (@ANI) 12 जून 2018
खुदकुशी की वजह का खुलासा नहीं
भय्यूजी महाराज संत होने के साथ ही सूर्योदय संस्था के जरिए सामाजिक कार्य करते थे। उन्होंने मौत की राह क्यों चुनी, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। हालांकि माना जा रहा है कि पारिवारिक तनाव की वजह से उन्होंने मौत को गले लगा लिया।
#MadhyaPradesh: Spiritual leader Bhayyuji Maharaj allegedly shoots himself, admitted to Bombay hospital in Indore. (File pic) pic.twitter.com/G0LoNaNfih
— ANI (@ANI) 12 जून 2018
पिछले वर्ष ही किया था दूसरा विवाह
पहली पत्नी के निधन के बाद भय्यूजी महाराज ने पिछले साल अप्रैल में ग्वालियर की डॉ. आयुषी से विवाह किया था। उनका ये कदम हैरत में डालने वाला था, लेकिन मां और बेटी की देखभाल के लिए उन्होंने ये कदम उठाया था।
मध्य प्रदेश सरकार ने दिया था राज्य मंत्री का दर्जा
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने भय्यूजी महाराज को राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था।
29 अप्रैल 1968 को शुजालपुर में हुआ था जन्म
भय्यूजी महाराज का जन्म 29 अप्रैल 1968 को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में जमीदार परिवार में हुआ था। वो सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते थे। RSS और BJP के आला नेताओं के साथ उनकी नजदीकियां रही हैं। उन्हें संकटमोचक के तौर पर देखा जाता था और कई बार उन्होंने इसे साबित भी किया। गुरु दक्षिणा के रूप में वह लोगों से एक पौधा लगाने के लिए कहते थे। ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर भी वह काफी चिंतित थे।
मॉडलिंग से शुरू किया था करियर
भय्यूजी महाराज महाराष्ट्रियन समाज के बीच काफी लोकप्रिय थे। भय्यूजी महाराज का असली नाम उदयसिंह देशमुख है। उन्होंने मॉडलिंग से करियर की शुरुआत की थी। कभी कपड़ों के एक ब्रांड के ऐड के लिए मॉडलिंग कर चुके हैं। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके ही देखरेख में चलता है। उनका मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर स्थित है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।