अध्यात्म: पीएम मोदी बोले- गीता ने हर कालखंड में भारत का पथप्रदर्शन किया, युवाओं को इससे सीखने की जरूरत
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों पर 21 विद्वानों की टिप्पणियों वाली पांडुलिपि के 11 संस्करणों का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गीता के विश्वरूप ने महाभारत से लेकर आजादी की लड़ाई तक हर कालखंड में हमारे राष्ट्र का पदप्रदर्शन किया है। भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाले आदि शंकराचार्य ने गीता को आध्यात्मिक चेतना के रूप में देखा। गीता को रामानुजाचार्य ने आध्यात्मिक ज्ञान की अभिव्यक्ति के रूप में देखा।
उन्होंने कहा कि एक किसी एक ग्रंथ के हर श्लोक पर ये अलग-अलग व्याख्याएं, इतने मनीषियों की अभिव्यक्ति, ये गीता की उस गहराई का प्रतीक है, जिस पर हजारों विद्वानों ने अपना पूरा जीवन दिया है। ये भारत की उस वैचारिक स्वतंत्रता का भी प्रतीक है, जो हर व्यक्ति को अपने विचार रखने के लिए प्रेरित करती है।
पीएम ने कहा कि आज जब देश आजादी के 75 साल मनाने जा रहा है तो हम सभी को गीता के इस पक्ष को देश के सामने रखने का प्रयास करना चाहिए। कैसे गीता ने आजादी की लड़ाई को ऊर्जा दी। कैसे गीता ने देश को एकता के आध्यात्मिक सूत्र में बांधकर रखा। इन सब पर हम शोध करें, अपनी युवा पीढ़ी को इससे परिचित कराएं।
ये गीता ही है जिसने दुनिया को निश्वार्थ सेवा जैसे भारत के आदर्शों से परिचित कराया। नहीं तो भारत की निश्वार्थ सेवा, विश्व बंधुत्व की हमारी भावना बहुतों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होती।
Created On :   9 March 2021 9:33 PM IST