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स्कूल कब और कैसे खोले जाएं, मंत्रालय को दिया सुझाव

हाईलाइट
- स्कूल कब और कैसे खोले जाएं, मंत्रालय को दिया सुझाव
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। देशभर में विद्यालय कैसे और कब खोले जाएं इसको लेकर विभिन्न राज्य सरकार व केंद्र सरकार अपनी ओर से तैयारियां कर रही हैं। इस बीच देश के सबसे बड़े ऑनलाइन विद्यालय चलाने वाले लीड स्कूल ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी सिफारिशें भेजी हैं। मंत्रालय को यह सिफारिशें एक विशेष हैंडबुक के जरिए दी गई हैं।
भारत सरकार द्वारा जारी किए गए सोशल डिस्टेंसिंग नियम बनाए रखने के बारे में ध्यान में रखते इस संस्था ने एक विशेष हैंडबुक तैयार की है। यह विद्यालयों को उनकी आवश्यक गतिविधियों को चलाने में मदद करेगा। विद्यालयों की परिवहन सुविधाएं कक्षाओं में बैठने की व्यवस्था, ऑफलाइन-ऑनलाइन शिक्षा, शैक्षणिक वर्ष का नियोजन और कक्षाओं के बाहर की जाने वाली गतिविधियां आदि को इसमें शामिल किया गया है। स्वास्थ्य और सफाई के साथ ही विद्यालयों, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों की जिम्मेदारियों पर भी इसमें ध्यान दिया गया है।
हैंडबुक को 15 राज्यों में 800 से ज्यादा विद्यालयों में वितरित किया गया है। इनमें भारत भर के बड़े, मध्यम एवं छोटे शहरों के विद्यालय शामिल हैं जिनमें 3 लाख से भी ज्यादा छात्र अध्ययनरत हैं।
संस्था के सीईओ सुमित मेहता ने कहा, विद्यालय लॉकडाउन के बाद आने वाली चुनौतियों को तभी हल कर पाएंगे जब वे सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण के निर्माण के लिए अभिभावकों, शिक्षकों, शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे। इस हैंडबुक में एक चेकलिस्ट है, हर एक विद्यालय लॉकडाउन के बाद की तैयारियों में इस चेकलिस्ट का उपयोग कर सकता है।
गौरतलब है कि विद्यालय में छात्र और कर्मचारियों की सुरक्षा, कोविड संक्रमित क्षेत्रों में अचानक बदलाव या नए मरीज पाए जाना, संक्रमित व्यक्ति के पाए जाने पर छात्रों या शिक्षकों को क्वारंटाइन करना और एक दूसरे से दूरी बनाए रखने के लिए सरकार के नियम ऐसी कई वजहों से विद्यालयों के कामकाज में बाधाएं आ सकती हैं।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।