एनडीए में 400 में से महज 19 महिला उम्मीदवार ही क्यों?

Supreme Court asks Center to answer - Why only 19 women candidates out of 400 in NDA
एनडीए में 400 में से महज 19 महिला उम्मीदवार ही क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब एनडीए में 400 में से महज 19 महिला उम्मीदवार ही क्यों?
हाईलाइट
  • सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब- एनडीए में 400 में से महज 19 महिला उम्मीदवार ही क्यों?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से जवाब मांगते हुए कहा कि वह स्पष्ट करे कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में 2023 में 400 सीटों में से महिला उम्मीदवारों की सीट 19 ही क्यों सीमित की गई।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहीं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि यूपीएससी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, वर्ष 2023 के लिए 19 महिला उम्मीदवारों को क्यों तय किया गया है। पीठ ने केंद्र सरकार से 2021 में एनडीए की परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों के साथ-साथ महिला उम्मीदवारों की कुल संख्या को रिकॉर्ड में लाने को कहा।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने केंद्र के वकील से कहा, यह तो साल 2021 के आंकड़ों के बराबर ही हैं। पिछले साल आपने कहा था कि अवसंरचना की कमी की वजह से महिलाओं का कम प्रवेश लिया जा रहा है। अब आपने फिर साल 2022 के लिए महिलाओं उम्मीदवारों के लिए उतनी ही संख्या का प्रस्ताव किया है। आपने ये आंकड़े क्यों तय किए? आपको अब यह स्पष्ट करना होगा। 19 सीट हमेशा के लिए नहीं होनी चाहिए। यह केवल एक तदर्थ उपाय है।

2022 में एनडीए की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को 2023 में प्रवेश दिया जाएगा। केंद्र की ओर से पेश वकील ने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि एनडीए में महिला उम्मीदवारों का प्रवेश बल की आवश्यकता पर आधारित है।

याचिकाकर्ता कुश कालरा ने एक अतिरिक्त हलफनामे में कहा, अगले वर्ष यानी 2023 के लिए भी महिला उम्मीदवारों की संख्या केवल 19 ही जारी रखना और 22 दिसंबर, 2021 की परीक्षा सूचना के अनुसार केवल पुरुष उम्मीदवारों को नौसेना में प्रवेश की अनुमति देना मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 16 और 19 का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा ने तर्क दिया कि केंद्र का मौजूदा रुख उसके रुख के विपरीत है, जो पिछले साल 18 अगस्त और 22 सितंबर को पारित शीर्ष अदालत के आदेशों में परिलक्षित होता है।

पीठ ने केंद्र के वकील से यह कहते हुए अपना सवाल आगे बढ़ाया कि केंद्र सरकार ने महिला उम्मीदवारों की संख्या 19 क्यों तय की है। पीठ ने जोर देकर कहा, आपको इसे समझाना होगा। 19 सीटें आने वाले समय के लिए नहीं हो सकती हैं।

केंद्र एक विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए सहमत हुआ, जिसमें बताया जाएगा कि उसने आखिर यह स्टैंड क्यों लिया है। इस पर केंद्र तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब देगा।

संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) के विज्ञापन और सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2021 के एनडीए-2 में एनडीए 400 कैडेट को लेगा। शर्मा ने कहा,इनमें से 10 महिलाओं सहित 208 उम्मीदवार सेना में लिए जाएंगे। नौसेना तीन महिलाओं के साथ 42 उम्मीदवारों को लेगी। भारतीय वायुसेना भी छह महिलाओं के साथ 120 उम्मीदवारों को प्रवेश देगी। इस प्रकार जून 2022 में एनडीए में प्रवेश लेने वाली महिलाओं की संख्या 19 होगी।

शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता के हलफनामे में कहा गया है कि यूपीएससी और सरकार द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार, एनडीए वर्तमान एनडीए-द्वितीय 2021 इंटेक में 400 कैडेट लेगा। उन्होंने कहा, इनमें से 10 महिलाओं सहित 208 उम्मीदवार सेना में जाएंगे। नौसेना 3 महिलाओं सहित 42 उम्मीदवारों को लेगी, जबकि भारतीय वायुसेना 120 उम्मीदवारों को स्वीकार करेगी, जिनमें से 6 महिलाएं होंगी। इस प्रकार, कुल संख्या जून 2022 में एनडीए में शामिल होने वाली महिलाओं की संख्या 19 है।

शीर्ष अदालत ने 2022 में राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआईएमसी), राष्ट्रीय सैन्य स्कूल (आरएमएस) और सैनिक स्कूलों में महिलाओं के प्रवेश पर भी केंद्र सरकार से जवाब मांगा।

शीर्ष अदालत ने केंद्र को हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया और पक्षों से भी दो सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा। मामले को आगे की सुनवाई के लिए 6 मार्च को पोस्ट किया गया है।

पिछले साल सितंबर में, शीर्ष अदालत ने महिला उम्मीदवारों को पिछले साल नवंबर में निर्धारित एनडीए में प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी थी।

 

आईएएनएस

Created On :   18 Jan 2022 6:00 PM IST

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