सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा, केन्या में महिला को बेटे की कस्टडी सुरक्षित करने में मदद करें

Supreme Court asks Center to help woman secure custody of son in Kenya
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा, केन्या में महिला को बेटे की कस्टडी सुरक्षित करने में मदद करें
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा, केन्या में महिला को बेटे की कस्टडी सुरक्षित करने में मदद करें
हाईलाइट
  • अवमानना करने का दोषी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से कहा कि वह केन्या में अपने दूतावास के माध्यम से एक महिला को उसके पति से उसके बेटे की कस्टडी (परवरिश का हक) हासिल करने में मदद करे, जो भारतीय मूल की केन्याई नागरिक है।

शीर्ष अदालत ने पहले ही इस साल जुलाई में बच्चे के पिता को अपने बेटे की कस्टडी हासिल करने के लिए धोखाधड़ी के तरीकों का इस्तेमाल कर अदालत की अवमानना करने का दोषी ठहराया था। प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित ने कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा है कि केन्या में भारतीय दूतावास बच्चे की कस्टडी के संबंध में महिला को हर संभव सहायता और सहायता प्रदान करेगा।

शीर्ष अदालत ने महिला के लिए सात दिनों के भीतर 25 लाख रुपये जारी करने का भी आदेश दिया, ताकि केन्या में वह अपने बेटे की कस्टडी हासिल करने के उपाय कर सके। बच्चे के पिता ने मामले में जमानत के तौर पर शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में एक करोड़ रुपये जमा कराए थे, जिसमें से 25 लाख रुपये महिला के लिए जारी कर दिए गए।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने महिला के पक्ष में दो-दो बार 25-25 लाख रुपये जारी करने का आदेश दिया था। बच्चे की मां की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर और एएसजी ने शीर्ष अदालत के विभिन्न आदेशों की अवहेलना करने पर बच्चे के पिता को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी। इस आशय का हलफनामा देने के बावजूद अवमाननाकर्ता शीर्ष अदालत में वापस नहीं आया।

शीर्ष अदालत ने मामले से उत्पन्न अजीबोगरीब स्थिति पर गौर किया और महिला को सुनवाई की अगली तारीख 15 दिसंबर या उससे पहले किसी भी उचित निर्देश के लिए अदालत जाने की अनुमति दी। शीर्ष अदालत ने जुलाई में केन्या और ब्रिटेन की दोहरी नागरिकता रखने वाले बच्चे के पिता को अलग अलग हुई अपनी पत्नी से अपने बेटे की कस्टडी हासिल करने के लिए धोखाधड़ी कर अदालत की अवमानना करने का दोषी ठहराया था।

उस व्यक्ति ने भारतीय अदालतों में अपनी पत्नी के साथ अपने बेटे की परवरिश का हक पाने के लिए लड़ाई लड़ी और वचन दिया कि वह अदालत द्वारा लगाई गई शर्तो का पालन करेगा। हालांकि, 2020 में उसे कथित रूप से केन्याई हाईकोर्ट का फर्जी आदेश दिखाकर शीर्ष अदालत से बेटे की कस्टडी हासिल करने के कारण हिरासत में ले लिया गया।

 

आईएएनएस

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Created On :   3 Nov 2022 11:30 PM IST

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