सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुजरात हाईकोर्ट के जज को पटना हाईकोर्ट में तबादले की सिफारिश की

Supreme Court Collegium recommends transfer of Gujarat High Court judge to Patna High Court
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुजरात हाईकोर्ट के जज को पटना हाईकोर्ट में तबादले की सिफारिश की
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुजरात हाईकोर्ट के जज को पटना हाईकोर्ट में तबादले की सिफारिश की
हाईलाइट
  • न्यायाधीश के तबादले की सिफारिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने गुजरात हाईकोर्ट के जज जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली का तबादला कर पटना हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश की है।

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर सोमवार को अपलोड किए गए एक बयान के अनुसार, कॉलेजियम ने 29 सितंबर को हुई अपनी बैठक में गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश के तबादले की सिफारिश की थी।

बयान में कहा गया है, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 29 सितंबर, 2022 को हुई अपनी बैठक में गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपुल मनुभाई पंचोली को पटना उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी। सितंबर में भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित कॉलेजियम के अध्यक्ष थे। उन्होंने 8 नवंबर को पद छोड़ दिया, तब से यह तबादला लंबित था।

सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने की, उन्होंने प्रशासनिक कारणों से हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों के तबादले की सिफारिश की है।

एक सूत्र के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी. राजा को राजस्थान हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है, जबकि जस्टिस निखिल एस. कारियल और ए.अभिषेक रेड्डी को पटना हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया गया है।

न्यायमूर्ति राजा ने 22 सितंबर से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। न्यायमूर्ति कारियल इस समय गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हैं, जबकि न्यायमूर्ति रेड्डी तेलंगाना उच्च न्यायालय में न्यायाधीश हैं। कॉलेजियम के प्रस्ताव पर रिपोर्ट के कारण दोनों उच्च न्यायालयों में वकीलों ने विरोध किया।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने 19 नवंबर को उन्हें सम्मानित करने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा था कि जब वकील हड़ताल करते हैं तो न्याय का उपभोक्ता पीड़ित होता है। उस व्यक्ति के लिए न्याय का मतलब सिर्फ न्याय है, न कि न्यायाधीश या वकील।

 

आईएएनएस

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Created On :   22 Nov 2022 12:00 AM IST

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