सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बलों की मांग वाली भाजपा की याचिका खारिज की

Supreme Court dismisses BJPs plea seeking central forces
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बलों की मांग वाली भाजपा की याचिका खारिज की
कोलकाता निकाय चुनाव सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बलों की मांग वाली भाजपा की याचिका खारिज की
हाईलाइट
  • नगरपालिका चुनाव को लेकर दायर याचिका पर एससी नहीं करेगा सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें कोलकाता में स्वतंत्र और निष्पक्ष नगरपालिका चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल सरकार, राज्य चुनाव आयोग और अन्य पदाधिकारियों को पर्याप्त संख्या में केंद्रीय पुलिस बल की तैनाती सहित एक कार्य योजना बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

पश्चिम बंगाल भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि नगर निकाय चुनावों के लिए सूची को अंतिम रूप देने के बाद भाजपा उम्मीदवारों को धमकी दी गई है। उन्होंने कहा कि हालांकि शिकायत की गई है, लेकिन पुलिस द्वारा कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। शीर्ष अदालत ने सिंह को शिकायतों के साथ उच्च न्यायालय जाने और याचिका वापस लेने को कहा।

इस महीने की शुरुआत में शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य को नगरपालिका चुनावों के लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश देने की भाजपा की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी। पीठ ने सिंह से पूछा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत एक याचिका सीधे सुप्रीम कोर्ट में क्यों दायर की जाती है? इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय को 19 दिसंबर को होने वाले निकाय चुनावों के लिए और अधिक केंद्रीय बलों की तैनाती के मुद्दे की जांच करने के लिए कहा जा सकता है, क्योंकि यह सुरक्षा और अन्य स्थानीय पहलुओं के बारे में है।

पीठ ने कहा, समस्या यह है कि अगर हम इस पर अनुच्छेद 32 के तहत विचार करना शुरू करें, तो कोई अंत नहीं होगा। पश्चिम बंगाल भाजपा शीर्ष अदालत से याचिका वापस लेने पर सहमत हो गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार द्वारा दायर याचिका में राज्य के पदाधिकारियों को एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने और कोलकाता में स्वतंत्र और निष्पक्ष नगरपालिका चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त केंद्रीय पुलिस बल तैनात करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

शीर्ष अदालत ने 25 नवंबर को गृह मंत्रालय को त्रिपुरा नगरपालिका चुनावों के दौरान मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की दो अतिरिक्त कंपनियां मुहैया कराने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत का यह निर्देश तृणमूल कांग्रेस और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की याचिकाओं पर आया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके उम्मीदवारों और समर्थकों को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है।

(आईएएनएस)

Created On :   13 Dec 2021 10:30 PM IST

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